झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने ने कोरोना से बेकाबू होते हालात पर NDTV Solutions Summit में कहा कि झारखंड में भी हालात ऐसे ही है. लोग डरे हुए हैं. नोर्मल लक्षण वाले भी अस्पताल में ट्रीटमेंट चाहते हैं. लोग अस्पताल से निकलना नहीं चाहते. इससे अस्पतालों में सिचुएशन खराब होती जा रही है. लोगों को जबरदस्ती बाहर भी निकाला नहीं जा सकता है. रेमडेसिविर दवा का संकट हो रहा है. मेडिकल ऑक्सीजन की भी कमी हो रही है. कमर्शियल सिलेंडरों के लिए कोशिश जारी है. केंद्र को रेमडेसिविर की कमी के बारे में बता दिया है.
हेमंत सोरेन ने ये भी कहा कि मार्केट में लोगों का हुजूम, त्योहारों में इकट्ठा होना और राजनीति कार्यक्रम देखकर बहुत अजीब लग रहा है. बहुत से लोग सावधानियां नहीं बरत रहे. मास्क नहीं पहन रहे. युवाओं से भी कहना चाहूंगा कि ये ऐसा संक्रमण है, जिससे बचाव हमारे हाथों में है. सभी लोगों को नियमों का पालन करना चाहिए. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूर करें. पूरे शहर में जॉम्बी घूम रहा है, ये सोचकर चलें. बिना जरूरत के घर से बाहर न निकलें. खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी रखें.
हेमंत सोरेन से बातचीत के मुख्य अंश-
- हमने 400-500 बेड्स का इंतजाम कर रहे हैं.
-100 से अधिक ICU बेड्स का इंतजाम कर रहे हैं.
- रोजाना 30 हजार लोगों की टेस्टिंग हो रही है.
- कोल इंडिया के सभी अस्पतालों को जोड़ रहे हैं.
-स्टेट बोर्ड की परीक्षाएं कैंसिल की हैं.
-मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाने का इंतजाम कर रहे हैं.
- पिछले लॉकडाउन से सबक लिया, आधे दिन की गतिविधियां करने को लेेकर विचार कर रहे.