भारतीय बनकर फ़ेक न्यूज़ फैला रहे थे चीन में बने फेसबुक अकाउंट : मेटा

फेसबुक की पेरेन्ट कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "अरुणाचल प्रदेश-केंद्रित अकाउंट्स से भारतीय सेना, भारतीय एथलीटों और भारतीय वैज्ञानिक उपलब्धियों के बारे में सकारात्मक टिप्पणियां पोस्ट की गईं, लेकिन भारत सरकार पर भ्रष्टाचार और भारतीय राज्य मणिपुर में जातीय हिंसा का समर्थन करने का आरोप लगाया गया..."

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नई दिल्ली:

मेटा (Meta) की एक हालिया रिपोर्ट में भारत के बारे में फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाने वाले ऐसे अकाउंट्स का खासतौर से ज़िक्र किया गया है, जिनकी संख्या लगातार बढ़ रही है, और जो दरअसल चीन से काम कर रहे हैं. रिपोर्ट में यूज़रों की राय और विभिन्न मुद्दों पर जारी चर्चा को प्रभावित करने के लिए इन अकाउंट्स द्वारा अपनाई जा रही खास रणनीतियों का ज़िक्र किया गया है. हर तिमाही जारी होने वाली थ्रेट रिपोर्ट (खतरों से जुड़ी रिपोर्ट) में मेटा ने खुलासा किया है कि उसने इसी साल की शुरुआत में चीन की धरती से बनाए गए फ़र्ज़ी अकाउंट्स के काफ़ी बड़े नेटवर्क को खत्म कर दिया है.

भारतीय नागरिक होने का दिखावा या ढोंग करने वाले ये फेसबुक अकाउंट भारतीय राजनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के कई मुद्दों पर भ्रामक जानकारियां फैलाने में सक्रिय रूप से शामिल थे. रिपोर्ट में कहा गया, "यह नेटवर्क फेसबुक पर पत्रकार, वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता के तौर पर सामने आई शख्सियतों के फ़र्ज़ी अकाउंट चलाता था... यह नेटवर्क तिब्बत और अरुणाचल प्रदेश की स्थानीय ख़बरों, संस्कृति, खेल और ट्रैवल के विषयों पर मुख्य रूप से अंग्रेज़ी भाषा में, और कुछ हद तक हिन्दी और चीनी भाषाओं में पोस्ट किया करता था... विशेष रूप से तिब्बत-केंद्रित अकाउंट्स को आज़ादी के पैरौकार कार्यकर्ताओं के तौर पर पेश किया जाता था, जिन्होंने निर्वासित तिब्बती नेता दलाई लामा और उनके अनुयायियों पर भ्रष्टाचार और बच्चों के यौन शोषण के भी आरोप लगाए..."

फेसबुक की पेरेन्ट कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "अरुणाचल प्रदेश-केंद्रित अकाउंट्स से भारतीय सेना, भारतीय एथलीटों और भारतीय वैज्ञानिक उपलब्धियों के बारे में सकारात्मक टिप्पणियां पोस्ट की गईं, लेकिन भारत सरकार पर भ्रष्टाचार और भारतीय राज्य मणिपुर में जातीय हिंसा का समर्थन करने का आरोप लगाया गया..."

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दुनिया की बड़ी टेक कंपनियों में शुमार होने वाली मेटा ने कहा कि अपने पोस्ट्स को प्रामाणिक दिखाने के लिए ये अकाउंट एक-दूसरे बनाने एक-दूसरे की पोस्ट पर टिप्पणियां भी किया करते थे, और उन्हें शेयर भी करते थे.

मेटा ने दावा किया है कि इस नेटवर्क को उनके सभी प्लेटफॉर्मों से पूरी तरह खत्म कर दिया गया है.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन से उपजे 4,700 फ़र्ज़ी अकाउंट के एक नेटवर्क ने अमेरिकी राजनीति पर निशाना साधा, जिनसे गर्भपात, राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों और अमेरिका-चीन संबंधों जैसे विषयों पर पोस्ट किए गए.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से कुछ अकाउंट ने खुद को अमेरिकी बताया और हफपोस्ट, ब्रेटबार्ट, वॉल स्ट्रीट जर्नल और फॉक्स न्यूज़ जैसे मुख्यधारा के अमेरिकी मीडिया के लेखों के लिंक शेयर किए.

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