मौसम विभाग ने सोमवार को कहा कि भारत में अप्रैल से जून तक की अवधि के दौरान अत्यधिक गर्मी पड़ेगी और इसका मध्य एवं पश्चिमी प्रायद्वीपीय भागों पर सबसे बुरा प्रभाव पड़ने का अनुमान है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) का यह अनुमान ऐसे समय आया है जब देश सात चरणों में होने वाले आम चुनाव की तैयारी कर रहा है. केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजीजू ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत के आगामी ढाई महीनों में अत्यधिक चरम मौसम स्थिति से गुजरने की आशंका है और यह ऐसे समय होने जा रहा है जब देश आम चुनाव की तैयारी में लगा है. जिसमें लगभग एक अरब लोगों के मतदान करने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, 'यह हम सभी के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण होने वाला है. चूंकि हम दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाले देश हैं और चरम मौसम स्थिति के खतरे का सामना कर रहे हैं, इसलिए भारत के लिए पहले से तैयारी करना नितांत आवश्यक है.'
महापात्र ने कहा कि अप्रैल-जून की अवधि के दौरान देश के अधिकतर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने तथा मध्य और पश्चिमी प्रायद्वीपीय भारत में इसका सबसे बुरा असर पड़ने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी हिमालय क्षेत्र, पूर्वोत्तर राज्यों और उत्तरी ओडिशा के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान के सामान्य या सामान्य से नीचे रहने की संभावना है.
महापात्र के अनुसार, इस अवधि के दौरान मैदानी इलाकों के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्म हवा चलने की संभावना है. देश के विभिन्न हिस्सों में सामान्यतः चार से आठ दिनों की तुलना में दस से 20 दिन तक लू चलने का अनुमान है. आईएमडी के महानिदेशक ने कहा कि गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तरी छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में गर्मी का सबसे बुरा असर पड़ सकता है.
उन्होंने कहा कि अप्रैल में देश के ज्यादातर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने तथा मध्य दक्षिण भारत में इसकी ज्यादा संभावना है. महापात्र ने कहा कि अप्रैल में पश्चिमी हिमालय क्षेत्र और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य या सामान्य से नीचे रहने का अनुमान है.
मौसम विभाग के अनुसार, अप्रैल में मध्य भारत के कई इलाकों और उत्तरी मैदानी इलाकों तथा दक्षिण भारत के आसपास के क्षेत्रों में सामान्य से अधिक लू वाले दिन रहने की संभावना है. इसने कहा कि मध्य भारत और उत्तरी मैदानी इलाकों तथा दक्षिण भारत में अप्रैल में सामान्य लू दिवसों के विपरीत अधिक दिन तक लू चलने का अनुमान है. महापात्र के अनुसार, इन क्षेत्रों में सामान्यतः एक से तीन दिनों की तुलना में दो से आठ दिन तक लू चलने की संभावना है.
उन्होंने कहा कि गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, ओडिशा, पश्चिमी मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में अप्रैल में लू का सबसे बुरा असर होने का अनुमान है. आईएमडी ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश को छोड़कर गेहूं उत्पादक राज्यों में सात अप्रैल तक लू की कोई चेतावनी नहीं है. भारत में लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरणों में होगा.