विदेश मंत्री एस जयशंकर गुरुवार को अपनी बांग्लादेश यात्रा पर पहुंचे. उन्होंने राजधानी ढाका में बांग्लादेशी विदेश मंत्री डॉक्टर एके अब्दुल मोमेन एक प्रेस कान्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने दोनों देशों के रिश्तों और सहयोग पर बयान जारी किए. इसके पहले अब्दुल मोमेन ने यहां कुरमीटोला वायुसेना अड्डे पर जयशंकर का स्वागत किया. विदेश मंत्री ने भी ट्विटर पर एयरपोर्ट की एक तस्वीर शेयर की और ढाका लौटने पर खुशी जताई.
विदेश मंत्री ने बताया कि भारत स्वदेश में कोरोनावायरस के खिलाफ विकसित की गई वैक्सीन को दुनियाभर के कई देशों को सप्लाई कर रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा वैक्सीन बांग्लादेश को दी गई है. विदेश मंत्री ने बताया कि भारत ने बांग्लादेश को नौ मिलियन यानी 90 लाख वैक्सीन दी हैं.
यहां उनसे 'बार्डर किलिंग्स' पर सवाल पूछा गया. जिसपर उन्होंने कहा कि 'जिसे आप बार्डर किलिंग्स कह रहे हैं, वे भारत की सीमा के बहुत अंदर की बात है. इसके पीछे सीमा पर होने वाले अपराध वजह हैं. दोनों देश अपराधमुक्त बार्डर चाहते हैं.' उनसे जल समझौते पर भी सवाल किए गए हैं, जिसपर उन्होंने कहा कि 'हमारी बातचीत में लगातार प्रगति हो रही है.'
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश भारत की नेबरहुड फर्स्ट की नीति का केंद्र है और उसकी एक्ट ईस्ट पॉलिसी के काफी महत्ता रखता है. मंत्री ने कहा कि 'दोनों देशों के रिश्ते इतने व्यापक और सहज हैं कि ये सच में 360 डिग्री वाली पार्टनरशिप है.'
बता दें कि विदेश मंत्री गुरुवार को बांग्लादेश की यात्रा पर पहुंचे हैं, जहां दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा की जाएगी. दोनों नेताओं के बीच कई द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय मामलों पर चर्चा होने की संभावना है.
विदेश मंत्री की बांग्लादेश यात्रा 17 दिसंबर 2020 को दोनों देशों के बीच डिजिटल माध्यम से प्रधानमंत्री स्तरीय शिखर वार्ता के बाद हो रही है. उनकी यह राजकीय यात्रा है, जिसके लिए उनके बांग्लादेशी समकक्ष ने उन्हें न्योता दिया था. वो विदेश मंत्री के अलावा बाग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना से भी मुलाकात करेंगे. उनकी यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब इसी महीने के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बांग्लादेश यात्रा संभावित है.
(भाषा से इनपुट के साथ)