EXPLAINER: गूगल के लिए क्यों बड़ा झटका है एपिक गेम्स केस में आया फ़ैसला

सिर्फ़ तीन घंटे तक चली बहस के बाद जूरी ने कहा, अपने प्ले स्टोर पर गूगल का सख्त नियंत्रण एन्ड्रॉयड यूज़रों के लिए ऐप डिस्ट्रिब्यूशन और इन-ऐप पेमेन्ट, दोनों ही मामलों में गैर-क़ानूनी एकाधिकार (illegal monopoly) है.

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EXPLAINER: गूगल के लिए क्यों बड़ा झटका है एपिक गेम्स केस में आया फ़ैसला
जूरी ने कहा, प्ले स्टोर पर गूगल का सख्त नियंत्रण एन्ड्रॉयड यूज़रों के लिए ऐप डिस्ट्रिब्यूशन और इन-ऐप पेमेन्ट, दोनों ही मामलों में गैर-क़ानूनी एकाधिकार है...

अल्फ़ाबेट के गूगल (Google) के ख़िलाफ़ 'फॉर्टनाइट' (Fortnite) के निर्माता एपिक गेम्स (Epic Games) को एन्टी-ट्रस्ट ट्रायल के दौरान सोमवार को बड़ी क़ानूनी जीत हासिल हुई है, जब सैन फ़्रांसिस्को में बैठी फेडरल जूरी ने माना कि गूगल द्वारा अपनी ऐप प्ले स्टोर के लिए बनाए गए कुछ नियम अमेरिकी प्रतिस्पर्धा क़ानूनों के ख़िलाफ़ हैं.

आइए जानते हैं, अब इस केस में आगे क्या-क्या हो सकता है, और गूगल के सामने एन्टी-ट्रस्ट क़ानूनों से जुड़ी कितनी लड़ाइयां बाकी हैं.

क्या था फ़ैसला...?
समाचार एजेंसी रॉयटर की एक रिपोर्ट
 के मुताबिक, सिर्फ़ तीन घंटे तक चली बहस के बाद जूरी ने कहा, अपने प्ले स्टोर पर गूगल का सख्त नियंत्रण एन्ड्रॉयड यूज़रों के लिए ऐप डिस्ट्रिब्यूशन और इन-ऐप पेमेन्ट, दोनों ही मामलों में गैर-क़ानूनी एकाधिकार (illegal monopoly) है. एपिक गेम्स ने इस मामले में कोर्ट से आर्थिक क्षतिपूर्ति की मांग नहीं की है.

एक जज इससे पहले फ़ैसला सुना चुके हैं कि एपिक गेम्स के दावों से जुड़े इन्टर्नल ऑनलाइन 'चैट' लॉग को गूगल ने गलत तरीके से डिलीट किया. जूरी को जानकारी दी गई कि सबूत गूगल के ख़िलाफ़ जाने वाले थे.

अब क्या होगा...?
अब अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज जेम्स डोनाटो जनवरी, 2024 में एपिक की उस अर्ज़ी पर दलीलें सुनेंगे, जिसमें गूगल द्वारा प्ले स्टोर को चलाने के तरीके को नए सिरे से लिखने के अदालती आदेश की मांग की गई है. माना जा रहा है कि गूगल इस बात को लेकर आपत्ति दर्ज कर सकता है कि एपिक द्वारा प्रस्तावित किए गए बदलाव बेहद व्यापक हैं.

गूगल ने कहा है कि कि वह जूरी के फैसले के ख़िलाफ़ अपील करेगा. जानकारी के मुताबिक, एपिक गेम्स द्वारा जिन उपायों का आग्रह किया गया है, उन पर जज जेम्स डोनाटो के अंतिम फ़ैसले के ख़िलाफ़ भी अपील की जा सकती है, जिसके चलते हो सकता है, मुकदमेबाजी सालों तक चलती रहे.

एप्पल के ख़िलाफ़ एपिक गेम्स के केस से क्या है रिश्ता...?
गूगल की अपील सैन फ़्रांसिस्को स्थित 9वीं अमेरिकी सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स में पहुंचेगी, और यह वही अदालत है, जिसने एपिक गेम्स के एप्पल के ख़िलाफ़ 2020 में दायर किए गए एन्टी-ट्रस्ट मामले की सुनवाई की थी, जो ऐप स्टोर नियमों से ही जुड़ा था.

अप्रैल में अपील अदालत ने अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज यवॉन गोज़ालेज़ रोजर्स के 2021 के फ़ैसले को बरकरार रखा था और मोटे तौर पर एप्पल के पक्ष में फ़ैसला सुनाया था, जिसमें कहा गया था कि एप्पल के ऐप नियमों ने एन्टी-ट्रस्ट कानून का उल्लंघन नहीं किया है.

क़ानून के विद्वानों का कहना है कि दोनों केसों से जुड़े तथ्य एक-दूसरे से अलग थे, और उन्होंने कहा कि एक अहम अंतर यह भी था कि एप्पल के ख़िलाफ़ मामले का फैसला सीधे जज द्वारा किया गया था, जूरी द्वारा नहीं.

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एप्पल केस को फिर खोलने की एपिक गेम्स की अपील अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. एप्पल ने भी अदालत के आदेश के एक हिस्से के ख़िलाफ़ अपील दायर कर रखी है, जिसके तहत उसे अपने ऐप स्टोर में कुछ बदलाव करने होंगे.

कौन-कौन-से एन्टी-ट्रस्ट केसों का सामना कर रहा है गूगल...?
गूगल इस वक्त अपनी सर्च और विज्ञापन प्रौद्योगिकी से जुड़ी प्रक्रियाओं को चुनौती देने वाले अमेरिकी सरकार के दावों के अलावा अमेरिकी विज्ञापनदाताओं और प्रकाशकों की ओर से कई सिविल एन्टी-ट्रस्ट मुकदमों सामना कर रहा है.

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गूगल अपनी शॉपिंग सर्विसेज़ से जुड़े कथित बाज़ार दुरुपयोग के लिए यूरोपीय संघ की शीर्ष अदालत द्वारा लगाए गए 2.6 अरब अमेरिकी डॉलर के एन्टी-ट्रस्ट जुर्माने के ख़िलाफ़ भी अपील किए हुए है.

एन्टी-ट्रस्ट मामलों के वकीलों का कहना है कि एपिक गेम्स के मामले में आने वाले फ़ैसले से अन्य मामले सीधे-सीधे प्रभावित नहीं होंगे, लेकिन इससे अन्य व्यवसायों और ऐप डेवलपरों जैसे संभावित अपीलकर्ता सामूहिक कार्रवाई के लिए प्रेरित हो सकते हैं.

डिजिटल विज्ञापनों की दुनिया में अपने प्रभुत्व को लेकर गूगल को अगले साल अमेरिकी न्याय विभाग और राज्यों के एक समूह द्वारा लाए गए केस में वर्जीनिया में जूरी ट्रायल का सामना करना पड़ सकता है. गूगल ने कोई भी गलत काम किया होने से इंकार किया है.

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