रसोई गैस महंगी, तेल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ी पर दाम नहीं, जानिए हर बात

हाल ही में वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आई है और दिसंबर 2024 में पेट्रोलियम उत्पादों पर विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स हटा लिया गया था. सरकार ने इस मौके का फायदा उठाते हुए उत्पाद शुल्क में वृद्धि की है ताकि राजस्व में संभावित नुकसान की भरपाई की जा सके.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
नई दिल्ली:

भारत सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की घोषणा की है. यह नया बदलाव 8 अप्रैल, 2025 से लागू होगा. सरकार का कहना है कि इस बढ़ोतरी का असर आम लोगों पर नहीं पड़ेगा. लोगों के मन में कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. आइए जानते हैं उन तमाम सवालों के जवाब. 

सवाल-  पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क क्यों बढ़ाया गया?
जवाब- हाल ही में वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आई है और दिसंबर 2024 में पेट्रोलियम उत्पादों पर विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स हटा लिया गया था. सरकार ने इस मौके का फायदा उठाते हुए उत्पाद शुल्क में वृद्धि की है ताकि राजस्व में संभावित नुकसान की भरपाई की जा सके. खास तौर पर, घरेलू रसोई गैस (LPG) पर सब्सिडी के कारण होने वाले नुकसान को कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है. वित्त वर्ष 2025 में तेल विपणन कंपनियों (OMCs) को LPG पर 42,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. पेट्रोल और डीजल पर 2 रुपये की वृद्धि और LPG सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी से OMCs को प्रति सिलेंडर नुकसान 250 रुपये से घटाकर 200 रुपये करने में मदद मिलेगी. 

सवाल-  नया एक्साइज ड्यूटी कितना है?
जवाब- 8 अप्रैल, 2025 से पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 11 रुपये से बढ़कर 13 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 8 रुपये से बढ़कर 10 रुपये प्रति लीटर हो गया है. सरकार की तरफ से एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने जाने के कारण यह बढ़ोतरी हुई है. 

Advertisement

सवाल- क्या इस वृद्धि से पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें बढ़ेंगी?
जवाब- नहीं, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अनुसार, इस उत्पाद शुल्क वृद्धि का असर तुरंत खुदरा कीमतों पर नहीं पड़ेगा. सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां (जैसे इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम) इस बढ़ोतरी को अपने ऊपर लेगी. अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में कमी के कारण खुदरा कीमतों में संभावित कटौती के खिलाफ इसे समायोजित किया जाएगा. तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें 65 डॉलर प्रति बैरल से नीचे रहती हैं, तो उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है.

Advertisement

सवाल-  इस उत्पाद शुल्क वृद्धि से मिलने वाला पैसा कहां जाएगा?
जवाब- इस वृद्धि से प्राप्त राजस्व का उपयोग सरकार द्वारा तेल विपणन कंपनियों को LPG सब्सिडी के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए किया जाएगा. साथ ही, इसे बुनियादी ढांचे और अन्य विकास कार्यों में भी लगाया जा सकता है.

Advertisement

सवाल- डीलरों का मार्जिन कितना प्रभावित होगा?
जवाब- पेट्रोल और डीजल पर डीलरों का मार्जिन या कमीशन सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों द्वारा तय किया जाता है. इस वृद्धि के बाद भी डीलर कमीशन में कोई तत्काल बदलाव की सूचना नहीं है, क्योंकि खुदरा कीमतें स्थिर रहेंगी.

Advertisement

सवाल- क्या भविष्य में कीमतें बढ़ सकती हैं?
जवाब- यह अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों पर निर्भर करेगा. अगर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो OMCs को यह बोझ उपभोक्ताओं पर डालना पड़ सकता है. हालांकि, अभी के लिए सरकार और तेल कंपनियां इसे संभाल रही हैं.

सवाल- आम लोगों पर इसका क्या असर होगा?
जवाब- फिलहाल आम लोगों को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं झेलनी पड़ेगी. लेकिन LPG सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये की वृद्धि से घरेलू बजट पर कुछ असर पड़ सकता है.

यह कदम सरकार की उस रणनीति का हिस्सा है जिसमें राजस्व बढ़ाने और सब्सिडी के बोझ को कम करने की कोशिश की जा रही है, बिना उपभोक्ताओं पर तुरंत असर डाले. आगे की स्थिति वैश्विक बाजार और सरकारी नीतियों पर निर्भर करेगी.

Featured Video Of The Day
MP News: Betwa River की सूखी धारा में लौटी जिंदगी, NDTV की खबर का असर | NDTV India
Topics mentioned in this article