जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई (CPI) नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) ने लोकल ट्रेनों का किराया और रसोई गैस की कीमत बढ़ाने (LPG Cylinder Price Hike) पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की है और सरकार के तर्क पर कटाक्ष किया है. उन्होंने पूछा कि सरकार ने रसोई गैस की कीमतें क्या इसलिए बढ़ा दी है कि लोग नाली के गैस से चाय बना सकें?
उन्होंने ट्वीट किया, "लोकल ट्रेन का किराया दोगुना करते हुए सरकार बहादुर ने कहा है कि लोग बिना मतलब यात्रा ना करें इसलिए ऐसा किया गया है.... हे प्रभु!! साथ में ये भी बता देते कि रसोई गैस का दाम इसलिए बढ़ाया गया है ताकि लोग नाली के गैस से चाय बना सकें?"
दो दिन पहले भी उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर आपदा को अवसर बनाकर पैसेंजर ट्रेनों के किराए में बढ़ोत्तरी और रसोई गैस के साथ-साथ पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोत्तरी पर निशाना साधा था. उन्होंने तब ट्वीट किया था, "आपदा में अवसर' का लाभ उठाते हुए सरकार ने पैसेंजर ट्रेन का किराया दुगुने से भी ज्यादा कर दिया है। रसोई गैस के दाम एक महीने में 100 रू तक बढ़ा दिए गए हैं. पेट्रोल-डीजल पर दाम से डबल टैक्स लिया जा रहा है.. शेर पालने का ड्रामा करके पूरे देश की कमर तोड़ रहें हैं ये फर्जी राष्ट्रवादी."
कन्हैया कुमार ने CM नीतीश कुमार के सहयोगी से की मुलाकात, जानें सियासी अटकलें क्यों हुई तेज
पिछले दिनों भी कन्हैया कुमार सुर्खियों में थे, जब उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रमुख सहयोगी और सरकार में मंत्री अशोक चौधरी से मुलाकात की थी. इसके बाद बिहार में सियासी अटकलें तेज हो गयी थीं कि कन्हैया सीपीआई छोड़ सकते हैं. हाल में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान चौधरी नीतीश की पार्टी जदयू की प्रदेश इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर कार्यरत थे, चुनाव बाद बसपा के एकमात्र विधायक जमा खान और निर्दलीय विधायक सुमित सिंह जिन्हें पिछले हफ्ते मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था, को अपनी पार्टी की ओर लाने में चौधरी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.