प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि यह 'मोदी की गारंटी' है कि उन्हें लोगों से लूटा गया एक-एक पैसा लौटाना होगा. मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा की जिसमें दावा किया गया है कि झारखंड से कांग्रेस सांसद धीरज प्रसाद साहू से कथित तौर पर जुड़े एक कारोबारी समूह के विभिन्न ठिकानों से आयकर विभाग ने 200 करोड़ रुपये नकदी बरामद की है.
विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘देशवासी इन नोटों के ढेर को देखें और फिर इनके नेताओं के ईमानदारी के 'भाषणों' को सुनें... जनता से जो लूटा है, उसकी पाई-पाई लौटानी पड़ेगी, यह मोदी की गारंटी है.'' उन्होंने इस पोस्ट के साथ कई इमोजी भी लगाई. खबर में नोटों से भरी कई अलमारियों की तस्वीर भी प्रदर्शित की गई हैं.
लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही प्रधानमंत्री ने ‘एक्स' पर पोस्ट के जरिए विपक्षी दलों पर निशाना साधना तेज कर दिया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दिनों आलोचकों पर निशाना साधते हुए कहा था कि वे अपने अहंकार, झूठ, निराशावाद और अज्ञानता की खुशफहमी में रह सकते हैं, लेकिन लोगों को उनके विभाजनकारी एजेंडे से सावधान रहना चाहिए क्योंकि 70 साल की पुरानी आदत इतनी आसानी से नहीं जा सकती.
प्रधानमंत्री ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया में यह बात कही थी. उस पोस्ट का शीर्षक था ‘मेल्टडाउन-ए-आजम' और इसमें राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा के सत्ता में आने के बाद हिंदी भाषी राज्यों में क्षेत्रीय विभाजन को भड़काने और मतदाताओं का अपमान करने के लिए ‘बहाने' और ‘पारिस्थितिकी तंत्र' के कथित प्रयासों का हवाला दिया गया है.
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को सिर्फ तेलंगाना में जीत मिली है और इसे उसके लिए सांत्वना जैसा बताया जा रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने पोस्ट में कहा, ‘‘वे अपने अहंकार, झूठ, निराशावाद और अज्ञानता में खुश रहें. लेकिन... उनके विभाजनकारी एजेंडे से सावधान रहें. 70 साल की पुरानी आदत इतनी आसानी से नहीं छूट सकती. साथ ही, लोगों की बुद्धिमत्ता ऐसी है कि उन्हें आने वाले कई और ‘मेल्टडाउन' (तगड़े झटकों) के लिए तैयार रहना होगा.''
किसी पोस्ट पर प्रतिक्रिया देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की ओर से की गई यह अभिव्यक्ति लीक से हटकर थी, क्योंकि उन्होंने इस जवाब में सोशल मीडिया आक्रामकता की अभिव्यक्ति वाले इमोजी भी पोस्ट किए जबकि आमतौर पर वह ऐसा नहीं करते हैं.
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