ये कैसा मज़ाक: पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका वैश्विक भूख सूचकांक में भारत से आगे...?

Global Hunger Index Controversy: जर्मन संस्था वेल्ट हंगरहिल्फ़े द्वारा जारी 'हंगर इंडेक्स' रिपोर्ट में पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका आदि देशों का प्रदर्शन भारत से कहीं बेहतर है, जो खुद भारत से खाद्य आपूर्ति पर निर्भर हैं.

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
वैश्विक भूख सूचकांक पर एक और शरारतपूर्ण रिपोर्ट(प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्‍ली:

भुखमरी रैंकिंग में पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे देशों का प्रदर्शन भारत से बेहतर..! क्‍या इस बात पर यकीन किया जा सकता है...? पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका आदि देश जो खुद भारत से खाद्य आपूर्ति पर निर्भर हैं, वे कैसे वैश्विक भूख सूचकांक में भारत से बेहतर हो सकते हैं. ऐसे में जर्मन संस्था वेल्ट हंगरहिल्फ़े द्वारा जारी 'हंगर इंडेक्स' एक  शरारतपूर्ण रिपोर्ट से ज्‍यादा कुछ नहीं है. इस रिपोर्ट की रैंकिंग में भारत को एक बार फिर बेहद निचले पायदान 111वीं रैंकिंग पर रखा गया है. पिछले साल 2022 में भारत 121 देशों की सूची में 107वें स्थान पर था और 2021 में 116 देशों की रैंकिंग में भारत 101वें स्थान पर था. 

भारत मांग की तुलना में पर्याप्त या अधिशेष भोजन का उत्पादन कर रहा

इस भूख सूचकांक को मापने के लिए चार पैरामीटर चुने गए हैं, पहला कुपोषण, दूसरा बच्चों में स्टंटिंग, तीसरा बच्चों में वेस्टिंग (ऊंचाई के अनुसार कम वजन) और चौथा बाल मृत्यु दर (5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु दर). इन सभी पैमानों के आधार पर भूख सूचकांक का अनुमान लगाया जाता है. वेल्ट हंगरहिल्फ़े के अनुसार, भारत के लिए यह सूचकांक 28.7 है, जो बहुत गंभीर है, जबकि पाकिस्तान में यह 26.6 है, जिसके कारण पाकिस्तान भारत से ऊपर 102वें स्थान पर है. इसी तरह बांग्लादेश 19.0 अंकों के साथ 81वें और श्रीलंका 13.3 अंकों के साथ 60वें स्थान पर है. ऐसे में इस रिपोर्ट पर सवाल उठना स्वाभाविक है. यदि हम भोजन के उत्पादन और उपलब्धता पर विचार करें, तो 188 देशों की नवीनतम वैश्विक रैंकिंग (2020) में भारत दुनिया में 35वें स्थान पर है. खाद्यान्न, दूध, अंडे, फल, सब्जियां, मछली आदि का प्रति व्यक्ति उत्पादन लगातार बढ़ रहा है, जो इस बात की पुष्टि करता है कि भारत आज मांग की तुलना में पर्याप्त या अधिशेष भोजन का उत्पादन कर रहा है.

इन आंकड़ों से उलट है हंगरहिल्फ़े का 'हंगर इंडेक्स'

सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम ऑफ इंडिया द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, बाल मृत्यु दर 2019 में 35 प्रति हजार से घटकर वर्ष 2020 में 32 प्रति हजार हो गई है। यदि बाल मृत्यु दर में गिरावट की इस दर पर विचार किया जाए, तो यह अपेक्षित था वर्ष 2023 तक यह 24.4 तक पहुंच चुकी है। ऐसी स्थिति में, कोई कारण नहीं है कि भारत में 2023 के भूख सूचकांक का अनुमान लगाने के लिए भारत में पुरानी बाल मृत्यु दर 31 प्रति हजार मानी जाए।

Advertisement

हंगरहिल्फे के पास कोई विश्वसनीय डेटा नहीं

कुपोषण के बारे में वेल्ट हंगरहिल्फे के पास कोई तथ्यात्मक और विश्वसनीय डेटा नहीं है, क्योंकि संबंधित आधिकारिक एजेंसी द्वारा घरेलू उपभोग सर्वेक्षण 2011 के बाद से नहीं किया गया है, लेकिन दुर्भाग्य से वेल्ट हंगरहिल्फे की रिपोर्ट कुपोषण का आंकड़ा 16.6 प्रतिशत बता रही है. हालांकि, भारत सरकार की पहल, पोषण ट्रैकर ने योजना के तहत शामिल 7 करोड़ से अधिक बच्चों से प्राप्त वास्तविक आंकड़ों के आधार पर डेटा प्रकाशित किया है। पोषण ट्रैकर डेटा के अनुसार फरवरी में बच्चों में कुपोषण 7.7 है। जनसंख्या में कुपोषण का बच्चों में कुपोषण से बहुत अधिक अंतर नहीं हो सकता है.

Advertisement

इसे भी पढ़ें:- इज़रायल या हमास किसने किया गाज़ा के अस्‍पताल पर हमला...! 500 मौतों का जिम्‍मेदार कौन?
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Top International News: Pakistan Earthquake | Israel Hamas War | Trump Airplane Gift | NDTV India