9 लाख रुपये की फिरौती के लिए पुणे से अगवा की गई इंजीनियरिंग की छात्रा की हत्या

पुलिस ने आरोपी द्वारा भेजे गए खाते में 50 हजार रुपये की रकम ऑनलाइन ट्रांसफर कर दी. साथ ही जिस नंबर से मैसेज आ रहे थे, उसकी तकनीकी जांच शुरू कर दी और तीनों पकड़े गए.

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9 लाख रुपये की फिरौती के लिए पुणे से अगवा की गई इंजीनियरिंग की छात्रा की हत्या
पुणे पुलिस ने इंजीनियरिंग की छात्रा की हत्या के मामले में आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
मुंबई:

पुणे से 9 लाख रुपये की फिरौती के लिए अगवा किए गए तीसरे साल की इंजीनियरिंग की छात्रा की हत्या का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. हत्या की गई 22 साल की लड़की की पहचान भाग्यश्री सुडे के रूप में हुई है. वह लातूर के हरंगुल की रहने वाली थी और 30 मार्च को लापता हो गई थी. उसी दिन कार में उसके एक परिचित ने उसका गला घोंट दिया और उसके मुंह पर चिपकने वाला टेप लगा दिया. फिर शव को सूपा गांव के पास एक खुली जगह में दफना दिया. इसके बाद आरोपी ने उसके अपहरण का दावा करते हुए उसके पिता से 9 लाख रुपये की फिरौती मांगी. यह फिरौती भाग्यश्री के मोबाइल फोन से मांगते हुए उसके बैंक खाते में पैसे भेजने के लिए कहा गया था. रविवार को मौके पर पहुंची पुलिस ने बताया कि उसके शव को बाहर निकाला जा रहा है. उन्होंने तीन लोगों को अपने कब्जे में ले लिया है.

प्रारंभिक निष्कर्ष यह है कि आरोपी ने आर्थिक कर्ज के कारण इस जघन्य कृत्य को अंजाम दिया. इस मामले में शिवम फुलवाले, सागर जाधव और सुरेश इंदौर को गिरफ्तार किया गया है. ये तीनों मराठवाड़ा के मूल निवासी हैं. 

भाग्यश्री के पिता सूर्यकांत ग्यानोबा सुडे लातूर में रहते हैं. भाग्यश्री वाघोली के एक कॉलेज में बीई कंप्यूटर की पढ़ाई कर रही थी. 30 मार्च को रात करीब 8.45 बजे वह कॉलेज से अपने रहने वाले क्वार्टर में लौटी और करीब नौ बजे फीनिक्स मॉल के लिए रवाना हुई. मॉल से निकलते समय उसके साथ उसके दोस्त शिवम, सागर और सुरेश भी थे, जिसके बाद उससे संपर्क नहीं हो सका. परिवार द्वारा बार-बार संपर्क करने और उसके फोन का जवाब नहीं देने पर उसके पिता ने पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई. इसी बीच उसके माता-पिता पुणे आ गये.

तभी उसके माता-पिता के मोबाइल फोन पर एक मैसेज आया. इसमें लिखा था, 'आपकी बेटी हमारी हिरासत में है और 9 लाख रुपये की फिरौती देनी होगी.' उन्होंने ये बात पुलिस को बताई. तब, पुलिस ने जबरन वसूली का मामला दर्ज किया. पुलिस ने आरोपी द्वारा भेजे गए खाते में 50 हजार रुपये की रकम ऑनलाइन ट्रांसफर कर दी. साथ ही जिस नंबर से मैसेज आ रहे थे, उसकी तकनीकी जांच शुरू कर दी और तीनों पकड़े गए.

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