बिहार (Bihar) में नवगठित महागठबंधन सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही विवादों में घिरे कानून मंत्री (Law Minister) कार्तिक कुमार (Karthik Kumar) का विभाग बदल दिया गया है. बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने कानून मंत्री कार्तिक कुमार का बुधवार को विभाग बदल दिया. अपहरण के एक मामले में कथित संलिप्तता के बावजूद कुमार को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की विपक्ष ने भारी आलोचना की थी. बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सलाह पर राज्यपाल सचिवालय द्वारा 30 अगस्त के एक आदेश के आलोक में कार्तिक कुमार को विधि विभाग के स्थान पर गन्ना उद्योग विभाग एवं शमीम अहमद को गन्ना उद्योग विभाग के स्थान पर विधि विभाग का कार्य अगले आदेश तक आवंटित किया गया है.
कार्तिक ने 16 अगस्त को नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नवगठित महागठबंधन सरकार में अपनी पार्टी के कोटे से मंत्री के रूप में शपथ ली थी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2014 के अपहरण के एक मामले में कार्तिक के नामजद होने के बावजूद उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने पर सवाल खडा करते हुए उन्हें मंत्री पद से हटाए जाने की मांग की थी . बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने राज्य में इन मंत्रियों के विभागों में फेरबदल पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘आज कार्तिकेय सिंह का विभाग बदल दिया गया. यह नीतीश की नई जीरो टॉलरेंस नीति है कि फंसाते भी हम है, बचाते भी हम है. हम ही लालू (राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष), तेजस्वी, अनंत सिंह, आनंद मोहन को फंसाएंगे और जब हमारे शरण में आ जाइएगा तो हम ही बचाएंगे.''उन्होंने नीतीश पर ‘‘रबर स्टाम्प मुख्यमंत्री'' होने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह अब लालू के परिवार के ‘‘आदेशपालक'' की भूमिका में हैं.
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा, ‘‘बिहार में कैबिनेट फेरबदल से समस्या क्यों है. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीयूष गोयल और स्मृति ईरानी जैसे केंद्रीय मंत्रियों के विभागों को बदल दिया तो किसी को कोई समस्या नहीं थी.'' भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी के कार्तिक पर आरोप लगाया था कि अपहरण के एक मामले में समन जारी होने के बावजूद पेश नहीं होने पर उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया था और उन्होंने उसी दिन शपथ ली थी जिस दिन उन्हें एक अदालत में पेश होना था.
कार्तिक पर लगाए गए आरोपों के बारे में 17 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने कहा था कि उन्हें इस मामले में कोई जानकारी नहीं है. बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने 18 अगस्त को कहा था, ‘‘वारंट के बाद अदालत ने गिरफ्तारी के खिलाफ अंतरिम सुरक्षा प्रदान की है. उनको अभी तक अदालत ने दोषी नहीं ठहराया है. हम अदालत के निर्देशों का पालन करेंगे. कार्तिक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट लंबित होने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने सुशील के बारे में कहा था, ‘‘ यह सब गलत है.'' बिहार में नवगठित महागठबंधन सरकार का बाहर से समर्थन कर रही. भाकपा माले ने 17 अगस्त को कहा था कि कानून मंत्री को बनाए रखने से सरकार की छवि खराब होगी. वर्तमान में महागठबंधन में सात दल जदयू, राजद, कांग्रेस, भाकपा माले, भाकपा, माकपा और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा शामिल हैं .