राजस्थान में बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई है. इसके बाद से राज्य में सरकार के गठन को लेकर हलचल तेज हो गई है. आज संसद भवन में बैठकों का सिलसिला जारी है. इसके मद्देनजर राजस्थान के प्रभारी और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी गृह मंत्री अमित शाह से मिले. राजस्थान के कई वरिष्ठ नेताओं ने लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की. वहीं,गजेंद्र सिंह शेखावत, बाबा बालक नाथ और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी ओम बिरला से मिले. इसके साथ ही बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा गृहमंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे
जानकारी के मुताबिक,राजस्थान, मध्यप्रदेश , छत्तीसगढ़ और तेलांगना में विधायक दल की बैठक और नेताओं चुनने के लिए पर्यवेक्षकों के नामों पर चर्चा हो रही है. विधायक दल की बैठक के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों के नामों का ऐलान जल्द होगा.
राजस्थान की 200 में से 199 विधानसभा सीटों के नतीजों में भाजपा को 115 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस को केवल 69 सीटें के साथ ही संतोष करना पड़ा. इस बार भी हर पांच साल में सरकार बदलने की 'सियासी रिवाज' बरकरार रही. अशोक गहलोत इस बार अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं को भी चुनाव में नहीं भुना पाए.
दूसरी ओर, वसुंधरा राजे के प्रचार ने बीजेपी की मदद की. सूत्रों के अनुसार, वसुंधरा राजे सिंधिया ने राज्य की 200 में से 49 सीटों पर सभाएं कीं. उन्होंने इन सीटों पर 60 सभाएं कीं. इसका असर ये हुआ है कि इन 49 सीटों में से बीजेपी ने 36 सीटें जीतीं.
अब बीजेपी राजस्थान में सत्ता की बागडोर किसे सौंपेगी? इस पर चर्चा तेज हो गई है. फिलहाल सीएम पद के लिए 7 दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं. वसुंधरा राजे,गजेंद्रसिंह शेखावत, किरोड़ी लाल मीणा, बाबा बालकनाथ, दीया कुमारी, सीपी जोशी और अर्जुन राम मेघवाल के नाम शामिल हैं. देखना ये होगा कि राजस्थान के सीएम पद की कुर्सी किसे मिलती है.