शिवसेना ने सोमवार को आरोप लगाया कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए लोगों से चंदा एकत्र करने के लिए चलाया जाने वाला संपर्क अभियान भगवान राम की आड़ में 2024 आम चुनावों के लिए प्रचार करने के समान है. हालांकि भाजपा ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि यह पार्टी के लिए कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है और उसने शिवसेना पर पहले राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन और फिर चंदा एकत्र करने की मुहिम में बाधाएं पैदा करने का आरोप लगाया. शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना' में कहा कि यह कभी तय नहीं हुआ था कि भव्य मंदिर का निर्माण लोगों के चंदे से किया जाएगा. उसने कहा कि भगवान राम के नाम पर प्रचार अभियान एक बिंदू पर बंद हो जाना चाहिए, लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा.
उसने आरोप लगाया, ‘‘लोगों से चंदा एकत्र करने का मामला सीधा-सरल नहीं है. यह राजनीतिक है.'' श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने पिछले सप्ताह कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जन संपर्क कार्यक्रम के जरिए लोगों से घरेलू स्तर पर एकत्रित किए गए धन से ही किया जाएगा क्योंकि न्यास के पास विदेशों से दान लेने की जरूरी मंजूरी नहीं है.
राय ने कहा था कि राम मंदिर वास्तव में ‘राष्ट्र मंदिर' का रूप लेगा और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र मंदिर निर्माण के लिए देशभर में जन संपर्क एवं योगदान अभियान शुरू करने जा रहा है. मराठी समाचार पत्र ‘सामना' ने किसी पार्टी या संगठन का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘मंदिर का निर्माण किसी राजनीतिक दल के राजनीतिक हित के लिए नहीं किया जा रहा है, बल्कि इसे देश में हिंदू गौरव की पताका फहराने के लिए किया जा रहा है.''
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उसने दावा किया कि इस संपर्क मुहिम को चार लाख स्वयंसेवक लागू करेंगे. शिवसेना ने कहा, ‘‘इस जनसंपर्क कार्यक्रम का मकसद भगवान राम की आड़ में 2024 लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करना है.'' पार्टी ने सवाल किया कि इस कार्यक्रम को कौन से स्वयंसेवक चलाएंगे और उनके संगठन का नाम क्या है? उसने कहा कि मंदिर निर्माण मुहिम की शुरुआत में विहिप नेता अशोक सिंघल, विनय कटियार और अन्य ने अयोध्या में डेरा डाला था. भाजपा नेता एल के आडवाणी ने रथ याात्रा की थी और शिवसेना संस्थापक दिवंगत ‘‘बाल ठाकरे की प्रेरणा से बाबरी मस्जिद की गुबंद पर हथौड़ा'' चला था.
उसने कहा, ‘‘यह इतिहास है, लेकिन आज अयोध्या राम मंदिर मालिकाना हक का विषय बन गया है.'' शिवसेना के नेता एवं सांसद संजय राउत ने सोमवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘घर-घर जाकर भगवान के नाम पर चंदा मांगना राम मंदिर और हिंदुत्व का अपमान है.''
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उन्होंने किसी पार्टी का नाम लिए बगैर कहा कि भगवान राम के नाम पर ‘‘राजनीतिक नाटक'' बंद हो जाना चाहिए. राउत ने कहा कि न्यायालय के आदेश के बाद मंदिर का निर्माण किया जा रहा है और प्रधानमंत्री ने इसका भूमि पूजन किया. उन्होंने कहा कि कई उदार लोग न्यास के बैंक खाते में चंदा दे रहे हैं और शिवसेना ने भी एक करोड़ रुपए का चंदा दिया है. राउत ने कहा, ‘‘फिर आप किस प्रचार के लिए इन चार लाख स्वयंसेवकों को भेज रहे है.''
इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा विधायक एवं महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आशीष शेलार ने कहा, ‘‘वे डरे हुए क्यों हैं? संजय राउत 2024 के चुनाव में अपनी हार की नींव क्यों रख रहे हैं?'' उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के लिए यह कभी राजनीतिक मुद्दा नहीं था और न ही है.'' शेलार ने शिवसेना पर पहले राम मंदिर के भूमि पूजन में बाधा उत्पन्न करके और अब चंदा मुहिम में अवरोध उत्पन्न करके राम विरोधी रुख अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘‘जिनके लिए यह मुहिम केवल राजनीति से प्रेरित थी, उनके पेट में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन के समय दर्द शुरू हो गया था और अब राम मंदिर निर्माण के लिए चंदे की मुहिम उनकी आंखों में खटक रही है.''