"नोट देकर NOTA पर वोट दिलाने की हो रही है कोशिश", अंधेरी उपचुनाव को लेकर बोले उद्धव ठाकरे

इससे पहले शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे की ओर से चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शिकायत की है. इस शिकायत में मतदाताओं को पैसे देकर प्रभावित करने का आरोप लगाया गया है.

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उद्धव ठाकरे ने दिया बड़ा बयान

नई दिल्ली:

मुंबई के अंधेरी पूर्व में होने वाले उपचुनाव को लेकर राजनीतिक बयानबाजी जारी है. अब इस चुनाव को लेकर शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे के प्रमुख और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने NOTA को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में कुछ लोग पैसे का इस्तेमाल करके मतदाताओं से NOTA का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. अंधेरी पूर्व के इस सीट पर तीन नवंबर को मतदान होना है. इससे पहले शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे की ओर से चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शिकायत की है. इस शिकायत में मतदाताओं को पैसे देकर प्रभावित करने का आरोप लगाया गया है.

बता दें कि इससे पहले उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना गुट ने बीते मंगलवार को दावा किया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट से उम्मीदवार मुरजी पटेल ने यह देखते हुए नामांकन वापस लिया है कि उपचुनाव में उनकी हार तय है. ठाकरे गुट ने अपने मुखपत्र ‘सामना' में दावा किया है कि ‘सुरक्षित मार्ग' के बावजूद भाजपा को ‘शर्मिंदगी' उठानी पड़ी. मराठी दैनिक के पहले पन्ने पर उपचुनाव पर लेख प्रकाशित है जिसका शीर्षक है, “अंधेरी से कमलाबाई भागी!” ठाकरे गुट ने भाजपा को ‘कमलाबाई' बताया है, क्योंकि पार्टी का चुनाव चिन्ह कमल है.  

अंधेरी पूर्व सीट पर उपचुनाव तीन नवंबर को होगा. यहां से शिवसेना के विधायक रमेश लटके का इस साल की शुरुआत में निधन हो गया था. ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट ने रमेश लटके की पत्नी ऋतुजा लटके को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने पटेल को उम्मीदवार बनाया था. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता राज ठाकरे ने निर्विरोध चुनाव की वकालत की थी जिसके बाद भाजपा ने सोमवार को उपचुनाव से अपना उम्मीदवार हटा लिया

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इसके बाद मुकाबले में सात उम्मीदवार रह गए हैं, लेकिन ऋतुजा लटके की जीत पक्की मानी जा रही है. ‘सामना' के संपादकीय में कहा गया है, “(भाजपा) उम्मीदवार का नाम वापस लेना उतना आसान नहीं है, जितना दिखता है. पराजय हो गई तो शिंदे-फडणवीस सरकार को बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, यह उनके ध्यान में आया होगा. भाजपा को यह भी एहसास हो गया होगा कि शिवसेना (ठाकरे गुट) की जीत तय है.”

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इसमें यह भी दावा किया गया है कि भाजपा उम्मीदवार के नामांकन पत्र में कई खामियां सामने आने के बाद उनका नामांकन पत्र रद्द होने का खतरा था. लेख के मुताबिक, “ (भाजपा-शिंदे गुट) की गाड़ी की इस खतरनाक मोड़ पर दुर्घटना होने वाली ही थी. इस खतरे से बाहर निकल सकें इसलिए अचानक गाड़ी को ब्रेक लगाकर भाजपा ने ‘यू टर्न' ले लिया.” लेख में कहा गया है कि इसलिए भाजपा ने अपने उम्मीदवार को चुनावी मैदान से हटा लिया. लेख में ऋतुजा लटके के बृहन्मुंबई महानगरपालिका से इस्तीफे को स्वीकार करने में रूकावटें पैदा करने को लेकर भी राज्य सरकार की आलोचना की गई है.

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