15वें वित्त आयोग के चेयरमैन रहे एनके सिंह ने विकसित भारत बनने के लिए एजुकेशन रिफॉर्म पर जोर दिया.
'दुनिया के लिए AI का मतलब है आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, लेकिन मैं मानता हूं कि AI का मतलब है अमेरिकन-इंडियन. अमेरिका इंडिया, ये स्परिट है और वही तो नई दुनिया का AI पावर है. यही AI स्परिट भारत-अमेरिका रिश्तों को नई ऊंचाई दे रहा है.' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात पिछले साल सितंबर में न्यू यॉर्क में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुई कही थी. दरअसल AI वह जादू है, जो आम आदमी के जीवन से लेकर जियो पॉलिटिक्स तक बदल रहा है. दुनिया के बड़े मुल्क AI पावर को मुट्ठी में करने की जुगत में लगे हैं. भारत भी AI की इस ताकत को बहुत अच्छी तरह से समझता है. 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में AI पावर बूस्टर साबित हो सकता है. PM नरेंद्र मोदी कई मौकों पर टेक्नॉलजी रिफॉर्म और AI को अपनाने की बात करते रहे हैं. विकसित भारत लक्ष्य हासिल करने में AI कितना मददगार साबित हो सकता है, NDTV इंडिया के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में वित्त आयोग के पूर्व चेयरमैन एनके सिंह ने इन सवालों के जवाब दिए. जानिए उन्होंने कहा कुछ बताया.
NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया से बातचीत में एनके सिंह ने कहा, "टेक्नोलॉजी को लेकर PM मोदी का एक अलग माइंडसेट है. हम अभी सबसे एडवांस टेक्नोलॉजी के युग में हैं. आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक साधरण स्टूडेंट भी पढ़ता है. उसको किस रूप से गवर्नेंस, एजुकेशन, हेल्थ में इस्तेमाल किया जाए, इसपर सोचने की जरूरत है."
रिफॉर्म से ही निकलेगा तरक्की का रास्ता
उन्होंने कहा, "भारत को विकसित बनाने की दिशा में आने वाले दिनों में इन सब विषयों पर काम करना होगा. अगर इन मामलों में सुधार कर लिए गए, तो आने वाले दिनों में भारत की तरक्की निश्चित है. साथ ही इन कोशिशों में 2047 में देश के विकसित भारत बनने की दिशा में भी एक रफ्तार आएगी."
बनाने होंगे रोजगार के मौके
एनके सिंह ने कहा, "एजुकेशन रिफॉर्म को मैं दूसरे नजरिए से देखता हूं. हम टेक्नोलॉजी तो हासिल कर रहे हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की तरफ बढ़ रहे हैं. लेकिन क्या इससे रोजगार का फायदा होगा? नई नौकरियां पैदा होंगी? ये दोनों चीजें हों, इसके लिए हमें पहले मौजूदा एजुकेशन सिस्टम में बदलाव करके इसे एजुकेशन, टेक्नोलॉजी और रोजगार में बदलना होगा."
AI नौकरी खाए, तो नई नौकरी लाएं
वह आगे कहते हैं, "हम देख रहे हैं AI ऐसे काम कर रहा है, जों पहले साधारण लोग करते थे. ऐसे में हमें ये सोचने की जरूरत है कि ये लोग और कौन-कौन से काम करें, जो देश के लिए, उनकी अपनी इनकम के लिए निश्चित रूप से लाभदायक हो. AI के साथ आज की एडवांस टेक्नोलॉजी में गेनफुल एम्प्लॉयमेंट जेनरेट करना बहुत बड़ी चुनौती है. इसके ऊपर एजुकेशन, हेल्थ, एग्रीकल्चर रिफॉर्म निर्भर करता है. अगर हम इन चीजों को फोकस में रखते हुए रिफॉर्म करते हैं, तो ये सभी एक को-ऑर्डिनेशन में आ सकती हैं. साथ ही नौकरियां भी जेनरेट होंगी."
GDP ग्रोथ के साथ बढ़े रोजगार
एनके सिंह ने कहा, "मैं मानता हूं कि डेमोग्रैफिक मैनेजमेंट में कमी को हम आने वाले दिनों में रिप्लेस करेंगे. ये समय की मांग हैं. मौजूदा रेशियो को देखते हुए ये जरूरी है कि हर साल ग्रोथ रेट के साथ-साथ नई नौकरियों के मौके पैदा हो. ऐसे रोजगार के मौके, जो गेनफुल हो."
न्यायिक सुधार होगा बहुत मददगार
उन्होंने बताया, "इसके साथ ही न्यायिक सुधार इकोनॉमिक रिफॉर्म में मददगार साबित होगा. सरकार ने इसपर काम किए हैं. अब उन कामों और प्रयासों की समीक्षा की जरूरत है."