100 करोड़ वसूली मामला : ED के समन पर अनिल देशमुख ने दिलाया याद, मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में

 72 साल के एनसीपी नेता अनिल देशमुख को ईडी इसके पहले भी तीन बार समन भेज चुकी है, लेकिन हर बार वह इस एजेंसी के सामने पेश होने से बचते रहे हैं. पत्नी और बेटे को भी बुलाया जा चुका है, लेकिन वो भी एक बार भी नहीं पहुंचे.

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अनिल देशमुख और उनके बेटे के ईडी ने समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया
मुंबई:

100 करोड़ की वसूली के आरोप में फंसे पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने समन देकर आज फिर  बुलाया है. अनिल देशमुख के साथ उनके बेटे ऋषिकेश देशमुख को बुलाया गया है. हालांकि अनिल देशमुख ने एक बार फिर ED के सामने हाजिर होने में असमर्थता जताई. उन्होंने कहा कि मामले में सुप्रीम कोर्ट में उनकी अर्जी पर 3 अगस्त को सुनवाई होनी है.  देशमुख ने पत्र में लिखा है कि 30 जुलाई को जैसे ही सुप्रीम कोर्ट ने 3 अगस्त को तारीख दी ED ने सोमवार के लिए समन जारी कर दिया.  72 साल के एनसीपी नेता अनिल देशमुख को ईडी इसके पहले भी तीन बार समन भेज चुकी है, लेकिन हर बार वह इस एजेंसी के सामने पेश होने से बचते रहे हैं. उनकी पत्नी और बेटे को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा चुका है, लेकिन दोनों भी सुनवाई के लिए एक बार भी हाजिर नहीं हुए. मुम्बई पुलिस के पूर्व पुलिस आयुक्त और वर्तमान में होम गार्ड डी जी परमबीर सिहं ने अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की वसूली का आरोप लगाया है, जिसके लिए अनिल देशमुख को महाराष्ट्र के गृहमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

मामले में सीबीआई के FIR दर्ज करने के बाद ED मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है. ईडी मामले में अनिल देशमुख के मुंबई और नागपुर आवास पर भी एक से अधिक बार तलाशी ले चुकी है. अनिल देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांडे और निजी सहायक  कुंदन शिंदे को गिरफ्तार भी कर चुकी है.

इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने अनिल देशमुख के खिलाफ ED को दंडात्मक कार्यवाही ना करने का आदेश देने से इनकार कर दिया था. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉड्रिंग के तहत कार्यवाही पर भी रोक लगाने से इनकार किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दूसरे पक्ष को सुने बिना आदेश जारी नहीं कर सकते.देशमुख मामले में पूछताछ के लिए संघीय जांच एजेंसी के कम से कम तीन समन पर पेश नहीं हुए हैं. उनके बेटे और पत्नी को भी बुलाया गया था और वे भी पेश नहीं हुए. समन महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में 100 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत-सह-जबरन वसूली रैकेट के संबंध में पीएमएलए के तहत दर्ज आपराधिक मामले में जारी किए गए थे, जिसके कारण अप्रैल में देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
 

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