दिल्ली क्लासरूम निर्माण घोटाला मामले में ईडी ने 37 ठिकानों पर की छापेमारी

उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मंजूरी मिलने के बाद एसीबी ने प्राथमिकी दर्ज करते हुए जांच शुरू की थी. एसीबी ने 30 अप्रैल को मनीष सिसोदिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.

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नई दिल्ली:

दिल्ली क्लासरूम निर्माण घोटाला मामले में ईडी ने 37 ठिकानों पर छापेमारी की है. क्लासरूम घोटाले में दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्रियों और निजी ठेकेदारों पर शिकंजा कसा जा रहा है. ईडी का ये एक्शन एंटी करप्शन ब्यूरी की एफआईआर के आधार पर हो रहा है. इस मामले में जून के महीने में ही दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को एसीबी की तरफ से दूसरी बार समन भेजा गया है. इस बार उन्हें 20 जून को पेश होने के लिए कहा गया है.

क्या है क्लासरूम घोटाला

दिल्ली सरकार के क्लासरूम घोटाले में 2015 से 2019 के बीच सरकारी स्कूलों में 12,748 कक्षाओं के निर्माण में लगभग ₹2,000 करोड़ के भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.  इस मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) ने 30 अप्रैल को मामला दर्ज किया था.

मुख्य आरोप

  •  प्रत्येक कक्षा के निर्माण की लागत ₹24.86 लाख बताई गई, जबकि सामान्यतः यह ₹5 लाख के आसपास होती है
  • बिना उचित टेंडर प्रक्रिया के ठेके AAP से जुड़े ठेकेदारों को दिए गए
  • बिना आवश्यक अनुमति के निजी सलाहकार और आर्किटेक्ट नियुक्त किए गए
  • कम समय तक चलने वाले ढांचों को RCC (75 साल की उम्र वाले) के बराबर लागत पर बनाया गया
  • केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की रिपोर्ट में परियोजना में गंभीर अनियमितताओं की पुष्टि हुई है
  • गृह मंत्रालय ने दोनों पूर्व मंत्रियों के खिलाफ अभियोजन की अनुमति दी है

इस मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने क्या कहा

एसीबी के मुताबिक क्लासरूम के निर्माण की लागत को असामान्य रूप से बढ़ाया गया. साथ ही जांच में यह भी पता चला कि क्लासरूम्स को सेमी-पर्मानेंट स्ट्रक्चर के रूप में बनाया गया. इसके अलावा, जिन ठेकेदारों को इसका ठेका मिला था, उनके संबंध ‘आप' पार्टी से जुड़े थे. एसीबी ने बताया कि आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को सरकारी स्कूलों में 12,748 कक्षाओं के निर्माण में कथित 2,000 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार के मामले में समन जारी कर चुकी है. उन दोनों पर बीते 30 अप्रैल को एफआईआर दर्ज की गई थी.

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आरोप है कि मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए मनमाने तरीके से क्लासरूम की लागत और साइज बढ़ाकर इसका फायदा लिया. दोनों पर सरकारी नियमों का पालन नहीं करने का आरोप लगा. क्लासरूम बनाने की लागत 24.86 लाख रुपये बताई गई, जबकि दिल्ली में इसी तरह के निर्माण की लागत 5 लाख रुपये का खर्च आता है.

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