आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि पार्टी नेता सत्येन्द्र जैन के खिलाफ धनशोधन का मामला एक ''राजनीतिक साजिश'' है और दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अपराध से अर्जित कोई भी आय बरामद किये बिना ''हवाला ऑपरेटर के बयानों पर भरोसा कर रहा है.'' प्रवर्तन निदेशालय की ओर से इस पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है.
जैन को तब झटका लगा था जब उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को धनशोधन मामले में उनकी नियमित जमानत खारिज कर दी और कहा कि ईडी द्वारा यह दिखाने के लिए पर्याप्त सामग्री एकत्र की गई है कि वह अपने दो सहयोगियों के साथ कथित अपराध के लिए प्रथम दृष्टया दोषी हैं.
दिल्ली की कैबिनेट मंत्री एवं आप नेता आतिशी ने एक बयान में कहा, 'कल, उच्चतम न्यायालय ने जैन को जमानत देने से इनकार करने का फैसला किया. हम उच्चतम न्यायालय और कानून की उचित प्रक्रिया का सम्मान करते हैं, लेकिन सम्मानपूर्वक शीर्ष अदालत के फैसले से असहमत हैं. जिस मामले में वह जेल में बंद हैं वह पूरी तरह से झूठा है.'
आतिशी ने हालांकि, दावा किया कि जब उनके खिलाफ यह मामला बनाया गया था तो जैन उस समय सीमा के दौरान न तो निदेशक थे और न ही मालिक थे जबकि उनकी पत्नी के पास नगण्य ‘शेयर होल्डिंग' थी.
उन्होंने दावा किया, ‘‘तो, कानून के अनुसार, अगर कंपनी ने इस दौरान कोई निर्णय लिया था, तो जैन और उनके परिवार का कोई भी सदस्य कानूनी रूप से उत्तरदायी नहीं हो सकता. उन्हें एक कंपनी के फैसले के लिए गिरफ्तार किया गया है, जिसमें वह न तो निदेशक थे, न ही अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता थे और न ही शेयरधारक थे. वह कंपनी द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय के लिए बिल्कुल भी जिम्मेदार नहीं थे.''
उन्होंने आरोप लगाया, 'विडंबना यह है कि ईडी ज्ञात हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से बयान देता है, लेकिन जैन से अपराध से अर्जित आय का एक भी रुपया बरामद किए बिना. ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन ज्ञात हवाला ऑपरेटर अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं.'
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 'पूरा मामला एक राजनीतिक साजिश है.'' आतिशी ने आरोप लगाया कि जैन को निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'यह आप और (दिल्ली के मुख्यमंत्री) अरविंद केजरीवाल के काम को रोकने की साजिश है. यह उस व्यक्ति को निशाना बनाने की साजिश है जिसने दिल्ली के लोगों को मुफ्त बिजली और मोहल्ला क्लीनिक जैसी सुविधाएं प्रदान की हैं.'
जैन के पास केजरीवाल सरकार में अन्य प्रभारों के साथ-साथ बिजली और स्वास्थ्य विभाग भी थे. वह और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया केजरीवाल के भरोसेमंद सहयोगी थे और सरकार के शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल पर काम करने के लिए उन्हें अक्सर पार्टी द्वारा श्रेय दिया जाता था. दोनों ने पिछले साल फरवरी में कैबिनेट से अपना इस्तीफा दे दिया था.
उन्होंने कहा कि जैन का स्वास्थ्य ठीक नहीं है. आतिशी ने कहा, 'पूरे देश ने देखा है कि वह एक सीढ़ी भी नहीं चढ़ पा रहे थे. कुछ महीनों में उनके कई ऑपरेशन हुए हैं.'
उन्होंने कहा, 'इसके बावजूद, अगर शीर्ष अदालत ने उन्हें जेल भेजने का फैसला किया है, तो हम सम्मानपूर्वक अदालत से असहमत हैं. हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. आज नहीं तो कल हमें न्याय मिलेगा.'
मंत्री ने दोहराया कि आप, केजरीवाल सरकार और उसके सभी कार्यकर्ता ऐसी धमकियों और साजिशों से डरने वाले नहीं हैं. उन्होंने आरोप लगाया, 'जैन द्वारा प्रदान किया गया मोहल्ला क्लीनिक मॉडल पूरे देश और दुनिया भर में दोहराया और सराहा जा रहा है. ऐसे अच्छे कार्यों वाले व्यक्ति को गलत तरीके से निशाना बनाया गया है.'
उच्चतम न्यायालय ने मामले में नियमित जमानत के लिए जैन की याचिका पर 17 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इसने पूर्व मंत्री को 26 मई, 2023 को चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दी और इसे समय-समय पर बढ़ाया गया. छह अप्रैल, 2023 को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा मामले में नियमित जमानत के लिए उनकी याचिका खारिज करने के बाद जैन ने शीर्ष अदालत का रुख किया था.