प्रवासियों को घर से दूर भी वोटिंग का हक : एक 'EVM' से हो सकेगा 72 चुनाव क्षेत्रों का मतदान

एक रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (RVM) बनाई गई है, जो 72 निर्वाचन क्षेत्रों के वोटों को स्वीकार कर सकती है.

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मशीन का डेमो 16 जनवरी को है.
नई दिल्ली:

भारत की करीब एक तिहाई वयस्क आबादी मतदान नहीं करती है, इसको ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने सियासी दलों को एक नई तरह की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के डेमो के लिए बुलाया है. इसके जरिए देश के भीतर प्रवासियों को अपने घर से दूर मतदान करने में मदद कर मिल सकती है. इस तरह उन्हें वोटिंग के लिए यात्रा नहीं करनी पड़ेगी. 

इन सब के मद्देनजर, एक रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (RVM) बनाई गई है, जो 72 निर्वाचन क्षेत्रों के वोटों को स्वीकार कर सकती है. यह मशीन मतदाता के मुताबिक स्विच हो जाती है. इससे एक रिमोट पोलिंग बूथ से RVM के जरिए 72 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं.

चुनाव आयोग ने एक प्रेस नोट में कहा, "2019  के आम चुनाव में 67.4% मतदान हुआ था और चुनाव आयोग 30 करोड़ से अधिक मतदाताओं के अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करने के मुद्दे को लेकर चिंतित है."

साथ ही कहा गया, "यह माना जाता है कि मतदाता के नए निवास स्थान में रजिस्टर न होने के कई कारण हैं, इस प्रकार मतदान के अधिकार का प्रयोग करने से चूक जाते हैं. आंतरिक प्रवासन (घरेलू प्रवासियों) के कारण मतदान ना करने में अहम कारणों में से एक है."

चुनाव आयोग ने प्रवासियों के सटिक आंकड़े हासिल करने में एक लिमिट का भी उल्लेख किया है. आयोग का कहना है कि देश के भीतर प्रवासन के लिए कोई केंद्रीय डेटाबेस उपलब्ध नहीं है. लेकिन सार्वजनिक डेटा के विश्लेषण से पता चला है कि प्रवास की मुख्य वजह काम, विवाह और शिक्षा हैं. सबसे ज्यादा ग्रामीण आबादी प्रवासी हैं. 

मशीन का डेमो 16 जनवरी को है. इस दौरान चुनाव आयोग की टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी भी मौजूद रहेगी.

इसके अलावा, आयोग ने 31 जनवरी तक सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से संबंधित मुद्दों जैसे कानूनों, प्रशासनिक प्रक्रियाओं और मतदान के तरीकों या तकनीक में आवश्यक बदलाव पर लिखित विचार मांगे हैं.

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