नाराज मंत्रियों ने 24 घंटे के भीतर येदियुरप्पा को विभागों में फेरबदल को किया मजबूर

जेसी मधुस्वामी को कन्नड़ और संस्कृति की बजाय हज एवं वक्फ विभाग दिया गया. कर्नाटक में लंबे समय बाद हाल ही में कैबिनेट का विस्तार हुआ था.

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कर्नाटक में मंत्रिमंडल विस्तार के तहत 7 मंत्रियों ने बुधवार को ली थी शपथ (फाइल)
बेंगलुरु:

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (Karnataka Chief Minister Yediyurappa) कैबिनेट में नए मंत्रियों को शामिल करने के बाद से पार्टी के भीतर ही असंतोष का सामना कर रहे हैं. मंत्रियों की नाराजगी की वजह से उन्हें विभागों के बंटवारे (Karnataka Cabinet Reshuffle) के 24 घंटे के भीतर उसमें बदलाव करना पड़ा. कुछ मंत्रियों ने उनके विभागों का ऐलान होने के बाद नाराजगी जताई थी.

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जेसी मधुस्वामी को कन्नड़ और संस्कृति की बजाय हज एवं वक्फ विभाग दिया गया है. अरविंद लिंबावली को वन विभाग के अलावा कन्नड़ और संस्कृति विभाग भी दिया गया है. आबकारी विभाग मिलने से नाराज एमटीबी नागराजा को अब नगर प्रशासन विभाग और गन्ना विकास एवं गन्ना निदेशालय विभाग का प्रभार भी दिया गया है.को गोपालया को आबकारी मंत्रालय दिया गया है. उन्हें पहले बागवानी एवं गन्ना विकास विभाग मिला था. आर शंकर को नगर प्रशासन विभाग की जगह बागवानी विभाग की जिम्मेदारी दी गई है.

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गुरुवार को नागराजा, गोपालया, मधुस्वामी और नारायण गौड़ा ने अपने विभागों को लेकर खुले तौरपर नाराजगी जाहिर की थी. मधुस्वामी को छोड़कर बाकी नए मंत्री कांग्रेस या जेडीएस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. लंबे समय से यह उम्मीद लगाई जा रही थी कि पार्टी बदलने के कारण उन्हें कोई अहम जिम्मेदारी दी जाएगी. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए के सुधाकर ने कहा है कि किसी पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होना किसी राजनीतिक खुदकुशी के प्रयास से कम नहीं है. कैबिनेट में फेरबदल के बाद बुलाई गई मंत्रिमंडल की पहली बैठक में से भी कई मंत्री नदारद रहे थे. इसके बाद येदियुरप्पा को उन्हें मनाने के लिए कई प्रयास करने पड़े.

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