राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि नशा समाज के लिए एक अभिशाप है और इसे दृढ़ संकल्प तथा आध्यात्म के माध्यम से पराजित किया जाना चाहिए. मुर्मू ने मयूरभंज जिले के हतबद्रा गांव में ब्रह्मकुमारी केंद्र के ‘नशा मुक्त ओडिशा' अभियान की शुरुआत करते हुए यह बात कही.
राष्ट्रपति ने आज ओडिशा में अपने गृह जिले मयूरभंज का तीन दिवसीय दौरा शुरू किया. उन्होंने कहा कि नशा एक सामाजिक, आर्थिक, शारीरिक और मानसिक अभिशाप है. उन्होंने कहा, ‘‘नशा परिवार और समाज में तनाव पैदा करता है. इसलिए इसके दुरुपयोग से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति लोगों को जागरूक करने की जरूरत है.'' उन्होंने उम्मीद जताई कि नशे की लत वाले लोग इसे छोड़ने का सफल प्रयास करेंगे.
इससे पहले, ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल, केंद्रीय मंत्री बिशेश्वर टुडू, राज्य के इस्पात एवं खनन मंत्री प्रफुल्ल मलिक और स्थानीय विधायकों ने ‘बदमपहाड़ हेलीपैड' पर मुर्मू का पारम्परिक तरीके से स्वागत किया.
अपने मूल स्थान पर पहुंचने के बाद मुर्मू लगभग आधा किलोमीटर तक सड़क पर चलीं और आदिवासी पुरुषों, महिलाओं और बच्चों सहित लोगों से मिलीं, जो सड़क के दोनों ओर खड़े थे तथा उनका अभिवादन करने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे थे.
मुर्मू जब हेलीपैड से करीब पांच किलोमीटर दूर रायरंगपुर उपमंडल के पहाड़पुर गांव में अपनी ससुराल पहुंचीं, तो वहां लोगों ने उनका अभिवादन किया.
राष्ट्रपति ने गांव में कौशल प्रशिक्षण एवं सामुदायिक केंद्र की आधारशिला भी रखी. बाद में मुर्मू ने रायरंगपुर शहर में एक नागरिक अभिनंदन में भाग लिया, जहां से उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी.
अधिकारियों ने बताया कि मुर्मू के स्वागत के लिए रायरंगपुर और पहाड़पुर में कई होर्डिंग और बैनर लगाए गए हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति के दौरे के मद्देनजर 100 अधिकारियों के नेतृत्व में करीब 1,500 पुलिसकर्मियों को विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है.
देश का शीर्ष संवैधानिक पद संभालने और देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनने के बाद मुर्मू की मयूरभंज जिले के रायरंगपुर की यह पहली यात्रा है. रायरंगपुर उनका जन्मस्थान भी है.
उन्होंने पहाड़पुर में अपने दिवंगत पति श्याम चरण मुर्मू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और क्षेत्र के एसएलएस मेमोरियल स्कूल का दौरा किया.
राष्ट्रपति बारीपदा में महाराजा श्रीराम चंद्रभंज देव विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी और अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान सिमिलीपाल बाघ अभयारण्य का भ्रमण भी करेंगी.
एक अधिकारी ने बताया, “किसी भी राष्ट्रपति का सिमिलीपाल राष्ट्रीय उद्यान का यह पहला दौरा होगा.” वह इस दौरान रायरंगपुर के समीप बड़ाबांध के पास तिरंगा फहराने के लिए 100 फुट ऊंचे ध्वज स्तंभ का भी उद्घाटन करेंगी.