कम बारिश से बिहार में मंडराया सूखे का खतरा, सबसे ज्‍यादा मार धान के किसानों पर 

बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मानसून ने धोखा दिया है. इस बार मौसम विभाग की मानसून को लेकर की गई भविष्‍यवाणी सही नहीं साबित हुई है.

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प्रतीकात्‍मक

पटना:

देश में एक ओर बारिश और बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है, वहीं बिहार के लोग बारिश न होने से परेशान हैं. आलम ये है कि बिहार (Bihar) में सूखे की आशंका जताई जा रही है. अगर अगले एक हफ्ते में बारिश नहीं हुई तो पूरे बिहार को सूखाग्रस्‍त घोषित करना पड़ सकता है. इसमें सबसे ज्‍यादा मार धान के किसानों पर पड़ रही है. 

बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मानसून ने धोखा दिया है. इस बार मौसम विभाग की मानसून को लेकर की गई भविष्‍यवाणी सही नहीं साबित हुई है. कृषि मंत्री के अनुसार, राज्‍य के जिस 35 लाख हेक्‍टेयर में धान की खेती होती है, उसका 65 प्रतिशत हिस्‍सा पड़ती परा है और अब किसान कह रहे हैं कि हालात विकट हैं. 

बारिश न होने से किसान बेहद परेशान हैं. उनका कहना है कि बहुत कम इलाके में धान की रोपाई हुई है. थोड़े बहुत किसानों ने जो रोपाई की है, अब उनकी फसलें भी सूखने लगी हैं. साथ ही किसान सरकार से भी बेहद नाराज हैं. \

किसानों का कहना है कि वर्षा नहीं होने से खेतों में फसल की रोपाई नहीं हो पा रही है. उन्‍होंने कहा कि नहर में पानी नहीं आ रहा है और न ही बिजली मिल रही है. उन्‍होंने कहा कि इसी अनाज से उनका जीवन चलता है. वहीं नहर के पानी से जो रोपाई हुई है, वो भी अब सूखने के कगार पर है. 

कृषि मंत्री भी यह स्‍वीकारते हैं कि स्थिति गंभीर है. उन्‍होंने कहा कि धान की खेती की आवश्‍यकता के हिसाब से बारिश नहीं हुई है. उनका कहना है कि रोपाई तो मुश्किल से 25 से 30 फीसदी भी नहीं हो पाई है. 
 

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