एम्स में मेडिसिन विभाग के पूर्व प्रमुख डॉक्टर जेएन पांडेय को मरणोपरांत पद्म श्री सम्मान मिला

एम्स से वर्ष 2003 में सेवानिवृति के बाद डॉ. पांडे सीताराम भारतीय इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड रिसर्च से जुड़े और वहां उन्होंने श्वसन मेडिसिन विभाग में वरिष्ठ परामर्शदाता के रूप में काम किया.

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नई दिल्ली:

मशूहर श्वांसरोग विशेषज्ञ और दिल्ली (Delhi) के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मेडिसिन विभाग के पूर्व प्रमुख डॉ. जितेंद्र नाथ पांडे को मरणोपरांत पद्म श्री पुरस्कार देने की घोषणा की है. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जिन 102 हस्तियों को पद्म श्री देने का ऐलान किया गया है, उनमें जेएन पांडे का भी नाम है.डॉक्टर जेएन पांडेय कोरोना से संक्रमण के बाद मई 2020 में निधन हो गया था.

एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि डॉ पांडे एमबीबीएस छात्र के रूप में एम्स से जुड़े तथा मेडिसिन विभाग के प्रमुख के रूप में सेवानिवृत हुए थे. वर्ष 2003 में सेवानिवृति के बाद डॉ. पांडे सीताराम भारतीय इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड रिसर्च से जुड़े और वहां उन्होंने श्वसन मेडिसिन विभाग में वरिष्ठ परामर्शदाता के रूप में काम किया. जिन 102 हस्तियों को पद्म श्री (Padam Shri) देने का ऐलान हुआ है, उनमें गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा, ब्रिटिश फिल्म निर्देशक पीटर ब्रुक, फादर वेलेस (मरणोपरांत), चमन लाल सप्रू (मरणोपरांत) पद्म श्री पाने वालों में शामिल हैं.

यूपी के गुलफाम अहम (कला), जगदीश चौधरी (सामाजिक कार्य) को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया है.बिहार की दुलारी देवी और रामचंद्र मांझी को (कला), दिल्ली के नीरू कुमार को सामाजिक कार्य के क्षेत्र में यह पुरस्कार मिला है. दिल्ली से ही चंद्रकांत संभाजी पांडव और जेएन पांडे (मरणोपरांत) को औषधि क्षेत्र में यह सम्मान मिला है. यूपी से अशोक कुमार साहू को भी मेडिसिन, राम यत्न शुक्ला को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में यह सम्मान मिला है. यूपी से चंद्रशेखर सिंह (कृषि) और सुधा हरि नारायण सिंह को खेलकूद में पद्म श्री मिला है.

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