कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इसे लेकर संशय बरकरार है. इन सीटों पर नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया समाप्त होने में केवल दो दिन बचे हैं.
अमेठी और रायबरेली गांधी-नेहरू परिवार के पारंपरिक क्षेत्र माने जाते हैं क्योंकि इस परिवार के सदस्यों ने कई दशकों तक इन सीटों का प्रतिनिधित्व किया है.
सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने की संभावना है, लेकिन इस संबंध में गांधी परिवार द्वारा अंतिम फैसला लिया जाना अभी बाकी है.
सूत्रों ने बताया कि प्रियंका गांधी भी रायबरेली सीट से चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ वंशवाद की राजनीति का मुद्दा उठाने के मद्देनजर राहुल गांधी इस विचार के पक्ष में नहीं हैं. सूत्रों ने बताया कि वह नहीं चाहते कि गांधी परिवार के तीनों सदस्य सांसद बनें. अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवारों को लेकर बढ़ते संशय के बीच कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ‘‘कोई भयभीत नहीं है'' और इस बारे में फैसले की घोषणा अगले 24-30 घंटे में की जाएगी.
उन्होंने कहा कि पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अमेठी और रायबरेली संसदीय सीटों पर उम्मीदवारों के नाम को अंतिम रूप देने के लिए अधिकृत किया है. यहां कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन के दौरान दोनों सीटों पर उम्मीदवारी को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में रमेश ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि अगले 24-30 घंटे में कांग्रेस अध्यक्ष निर्णय लेंगे और उनके निर्णय की घोषणा की जाएगी.'' उन्होंने कहा, ‘‘जब तक ऐसा नहीं हो जाता, सारी सूचनाएं व सभी तथाकथित कार्यालय आदेश फर्जी हैं.''
यह पूछे जाने पर कि निर्णय लेने में देरी क्यों हो रही है और क्या कांग्रेस राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा को चुनाव मैदान में उतारने से डर रही है? इस पर रमेश ने कहा, ‘‘कोई देरी नहीं हो रही है. क्या भाजपा ने रायबरेली में अपने उम्मीदवार की घोषणा की है? स्मृति ईरानी अमेठी से मौजूदा सांसद हैं. भयभीत कोई भी नहीं है. चर्चा चल रही है और फैसला लेने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकृत किया गया है.'' उन्होंने कहा, ‘‘कोई देरी नहीं है, तीन मई तक का समय है.''
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व पहले ही केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) और पार्टी नेतृत्व से राहुल गांधी को अमेठी से और प्रियंका गांधी को रायबरेली संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतारने का आग्रह कर चुका है.
सीईसी सदस्यों ने शनिवार को हुई बैठक के दौरान कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के विचार का समर्थन किया था. इस बीच मंगलवार को अमेठी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी धरना दिया और मांग की कि पार्टी गांधी परिवार के किसी सदस्य को अमेठी लोकसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाए.
अमेठी सीट का प्रतिनिधित्व 2004 से राहुल गांधी ने किया और वह लगातार तीन बार इस निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य चुने गए. वह 2019 में भाजपा की स्मृति ईरानी से चुनाव हार गए थे. राहुल गांधी वर्तमान में केरल के वायनाड निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, जहां से उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव जीता था. इस बार भी राहुल वायनाड से चुनाव मैदान में हैं.
सात चरण के आम चुनाव के पांचवें चरण में 20 मई को अमेठी और रायबरेली निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होगा. राहुल गांधी पहले ही कह चुके हैं कि उन्हें अपनी पार्टी से ‘‘जो भी आदेश मिलेगा, उसका वह पालन करेंगे.''
वर्ष 2004 से 2024 तक रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व सोनिया गांधी ने किया. उससे पहले सोनिया गांधी ने राजनीति में प्रवेश करने के बाद अमेठी लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था और 1999 में पहली बार चुनाव लड़ा था.