भारत और चीन के मध्य सीमा पर तनाव के बीच आज यानी 15 जनवरी को सेना दिवस (Army Day) मनाया जा रहा है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री मोदी समेत अन्य दिग्गजों ने इस अवसर को देश के जवानों की वीरता को सलाम किया. सेना दिवस पर सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (General MM Naravane) ने चीन (China) को दो टूक जवाब में दिया कि किसी को भी भारत के सब्र का इम्तिहान लेनी की गलती नहीं करनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि गलवान में जान गंवाने वाले जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने अपने बयान में कहा कि आप सभी चीन के साथ मौजूदा तनाव के बारे में जानते हैं. सीमा पर एकतरफा तरीक़े से यथास्थिति बदलने के षड्यंत्र का भारत की ओर से मुंहतोड़ जवाब दिया गया है.
उन्होंने कहा, "मैं देशवासियों को यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि गलवान घाटी में अपनी जान गंवाने वाले सैनिकों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा. हम बातचीत के ज़रिए मसले का समाधान करने के पक्षधर हैं. किसी को भारत के सब्र का इम्तिहान लेने की गलती नहीं करनी चाहिए."
थल सेना प्रमुख ने पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद पर कहा कि पड़ोसी देश अब भी आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है. दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि पिछले साल आतंकरोधी अभियानों में हमने 200 से ज़्यादा आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा. सीमा के करीब 300 से 400 की तादाद में आतंकवादी घुसपैठ करने की फिराक में अपने प्रशिक्षण शिविरों में मौजूद हैं. पिछले साल गोलाबारी की घटनाओं में 44 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई, जो पाकिस्तान की मंशा को उजागर करती है.