कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की पार्टी के ‘जी-23' समूह के नेताओं के साथ बैठकों के बारे में बुधवार को कहा कि ''असंतुष्टों को बहुत ज्यादा भाव'' देने से दूसरे असंतुष्टों के हौसले बुलंद होंगे. जाखड़ ने कहा, ''असंतुष्टों को 'बहुत ज्यादा' भाव देने से न केवल दूसरे असंतुष्टों के हौसले बुलंद होंगे, बल्कि इससे पार्टी कार्यकर्ता भी हतोत्साहित होंगे.''
जाखड़ ने ट्वीट किया, ''झुक कर सलाम करने में क्या हर्ज है मगर सर इतना मत झुकाओ कि दस्तार गिर पड़े.'' इस ट्वीट के साथ उन्होंने सोनिया गांधी की ‘जी-23' नेताओं के साथ हो रही बैठकों से संबंधित कुछ समाचार पत्रों की कतरन भी पोस्ट की.
राहुल गांधी के वफादार मणिकम टैगोर गांधी परिवार के समर्थन में आए और जाखड़ को जवाब देते हुए कहा कि मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के पूर्व प्रमुख लोकतांत्रिक नेता हैं और प्रतिकूल दृष्टिकोण को भी सुनते हैं.
टैगोर ने ट्वीट किया, “ सुनीलजी, आप अच्छी तरह से जानते हैं कि कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है और कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गांधी जी लोकतांत्रिक नेता हैं जो हमेशा अलग-अलग विचारों वाले लोगों को सुनते हैं. कांग्रेस कार्यकर्ता गांधी परिवार को उनकी उदारता के कारण पसंद करते हैं. उनका नेतृत्व एकता और आशा देता है.”
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुलाम नबी आजाद से मुलाकात के कुछ दिनों बाद मंगलवार को दिल्ली में अपने आवास पर आनंद शर्मा एवं मनीष तिवारी समेत ‘जी 23' समूह के कुछ नेताओं के साथ बैठक कर पार्टी के आंतरिक मुद्दों को हल करने बारे में चर्चा की थी.
आने वाले दिन में कांग्रेस अध्यक्ष समूह के और नेताओं के साथ भी बैठक कर सकती हैं.‘जी 23' समूह पार्टी में संगठनात्मक बदलाव और सामूहिक नेतृत्व की मांग कर रहा है.