लोकसभा में आज विपक्षी पार्टियों द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. इस पर चर्चा के दौरान लोकसभा में जोरदार हंगामा देखने को मिल रहा है. कांग्रेस पार्टी ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का आह्वान किया है. 20 जुलाई से शुरू होने वाले मौजूदा मॉनसून सत्र के दौरान कई दिनों से मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर हंगामे के चलते संसद की कार्यवाही बाधित हुई है. मणिपुर हिंसा में 125 से अधिक लोग मारे गए हैं. सरकार स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.
10 अगस्त के पीएम मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर देंगे जवाब
मोदी सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा तीन दिन तक होगी. इस चर्चा के दौरान बीजेपी की ओर से 5 मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, ज्योतिरादित्य सिंधिया और किरेन रिजीजू सहित और 10 सांसद बहस में हिस्सा लेंगे. इन सांसदों में निशिकांत दुबे, राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़, रमेश बिधूड़ी, हिना गावित शामिल हैं.बीजेपी की ओर से बहस की शुरुआत निशिकांत दुबे करेंगे. वहीं, दोनों पक्षों द्वारा अपने मामले पेश करने के बाद बुधवार या गुरुवार को अविश्वास मत होने की उम्मीद है. जबकि 10 अगस्त के पीएम मोदी इस चर्चा का जवाब देंगे.
अविश्वास प्रस्ताव का उपयोग विपक्ष सरकार में विश्वास की कमी को व्यक्त करने के लिए करता है. इसके बाद विश्वास बनाए रखने के लिए सत्ता पार्टी को सदन में अपना बहुमत साबित करना होता है. अगर वह बहुमत खो देती है तो सरकार तुरंत गिर जाएगी. सरकार तब तक सत्ता में रह सकती है जब तक उसके पास लोकसभा में बहुमत है.
जानें क्या कहते हैं आंकड़े
अगर आंकड़ों की बात करें तो वह सरकार के पक्ष में है. लेकिन उम्मीद है कि विपक्ष इस मौके का फायदा अगले साल लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का मुकाबला करने के लिए अपनी नई मजबूत एकता दिखाने के लिए करेगा.लोकसभा में वर्तमान में 539 सदस्य हैं जो प्रस्ताव में मतदान करेंगे, उनमें से बहुमत का आंकड़ा 270 होगा. अकेले भाजपा के पास 301 मत हैं, जबकि उसके सहयोगियों के पास 31 और वोट हैं.
जबकि विपक्षी गठबंधन के पास 143 मत हैं, जिसमें केसीआर की बीआरएस, वाईएस जगन रेड्डी की वाईएसआरसीपी और नवीन पटनायक की बीजेडी के पास संयुक्त रूप से 70 मत है.
सरकार लगभग 366 मत के साथ अविश्वास मत कर सकती है हासिल
इसके अलावा वाईएसआरसीपी (22) और बीजेडी (12) के भी सरकार का समर्थन करने की उम्मीद है. उम्मीद है कि सरकार लगभग 366 सदस्यों के समर्थन के साथ अविश्वास मत हासिल कर लेगी. विपक्षी भारत गठबंधन के पास 143 की ताकत है, और वह बीआरएस के 9 और वोट भी जीत सकती है, जिससे उनकी कुल संख्या 152 हो जाएगी.
आपको बता दें कि विपक्ष मणिपुर मुद्दे को लेकर चर्चा की मांग कर रहा है. इसके साथ ही इस मुद्दे पर सदन में प्रधानमंत्री का बयान आना विपक्ष की बड़ी मांग है.