जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी समर्थक गतिविधियों में कथित संलिप्तता के आरोप में चार सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है. प्रशासन ने कहा कि सहायक प्रोफेसर (मेडिसिन), एसएमएचएस अस्पताल श्रीनगर, निसार-उल-हसन, कांस्टेबल अब्दुल मजीद भट, उच्च शिक्षा विभाग में प्रयोगशाला वाहक अब्दुल सलाम राथर और शिक्षा विभाग में शिक्षक फारूक अहमद मीर को संविधान के अनुच्छेद 311 के अनुसार बर्खास्त कर दिया गया.
संविधान के अनुच्छेद 311 में कहा गया है कि किसी अधिकारी को बर्खास्त किया जा सकता है यदि, "राष्ट्रपति या राज्यपाल, जैसा भी मामला हो, संतुष्ट हैं कि राज्य की सुरक्षा के हित में, ऐसी जांच करना ठीक नहीं है." केंद्र शासित प्रदेश ने सरकारी निकायों में कार्यरत रहते हुए कथित तौर पर पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों की मदद करने के लिए पिछले तीन वर्षों में 50 से अधिक कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है.
अधिकारियों ने कहा कि बर्खास्त कर्मचारी भारत सरकार से वेतन लेते थे लेकिन पाक आतंकवादियों को रसद मुहैया कराते थे और आतंकवादियों की विचारधारा का प्रचार करते थे. जून में, कश्मीर विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी, राजस्व विभाग के एक अधिकारी और एक पुलिसकर्मी को कथित तौर पर पाक आतंकवादी संगठनों के लिए धन जुटाने के लिए निकाल दिया गया था.
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