कफ सिरप पर डॉक्टर का बड़ा खुलासा, सिरप को 'टेस्ट' करने के लिए ली दवा, 3 घंटे रहे बेहोश

राजस्थान में कफ सिरप लेने से काम से काम तीन बच्चों की मौत की बात कही जा रही है. जिसे सरकार नकार रही है. चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि जो मौत के बाद दावा किया जा रहा है कि कफ सिरप की वजह से हुई है, ऐसा नहीं है.

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कफ सिरप पर सवाल, केंद्र सरकार कर रही जांच
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  • राजस्थान के चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कफ सिरप को लेकर हुई मौतों पर जांच की बात कही है.
  • डॉ. ताराचंद योगी ने स्वयं कफ सिरप पी और इसके गंभीर साइड इफेक्ट्स का अनुभव किया
  • डॉ. योगी की हालत अचानक खराब हो गई और वे तीन घंटे तक बेहोश रहने के बाद अस्पताल में भर्ती हुए
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जयपुर:

राजस्‍थान में कोल्ड्रिफ कप सिरप पर उड़े विवाद पर शनिवार को एक अलग मोड आया. प्रदेश के चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर जोधपुर के सर्किट हाउस पहुंचे और कफ सिरप जानकारी दी. गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि प्रदेश में जो कफ सिरप की दवा है, उसकी वजह से यह मौतें नहीं हुई हैं. हालांकि, राजस्थान में खांसी की दवा लेने से काम से काम तीन बच्चों की मौत की बात कही जा रही है. लेकिन जब पत्रकारों ने सवाल पूछे तो वह प्रेस कॉन्फ्रेंस से उठकर चले गए. इस बीच कलसाड़ा प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. ताराचंद योगी ने डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. उन्‍होंने बताया कि कफ सिरप उन्‍होंने खुद पी, तो पता चला कि ये बच्‍चों पर कितनी खतरनाक साबित हो सकती है.  

सिर्फ कफ सिरप की 2 से 3 ml की खुराक ली

कलसाड़ा प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. ताराचंद योगी ने बताया कि बच्चों की खांसी के इलाज के दौरान कोल्ड्रिफ सिरप के साइड इफेक्ट्स की बातें सामने आ रही हैं. ऐसे में उन्होंने खुद पर इसे टेस्‍ट करने का फैसला किया. डॉ. योगी ने बताया कि उन्हें 26 सितंबर को ड्यूटी के दौरान खांसी और गले में खराश थी, जिसके कारण उन्होंने साथी चिकित्सक से इस सिरप का प्रिस्क्रिप्शन लिया. सिरप की निर्धारित दो से तीन मिलीलीटर की खुराक लेने के बाद उन्‍होंने अस्पताल में आराम किया. 

उल्टी, चक्कर और बेचैनी... फिर हो गए बेहोश

हालांकि, कुछ देर बाद डॉ. योगी को किसी निजी काम के कारण चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय जाना था, लेकिन रास्ते में गणेश माफमोड पर अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई. उन्हें उल्टी, चक्कर और बेचैनी होने लगी. हालत बिगड़ता देख उन्होंने गाड़ी को सड़क के किनारे लगा दिया. डॉ. योगी को समझ में आ गया था कि उनके ऊपर कफ सिरप के साइड इफेक्‍ट  शुरू हो गए हैं. वह अपनी बिगड़ती तबीयत के बारे में परिजनों को जानकारी देना चाहते थे. लेकिन इसी दौरान कब बेहोश हो गए, उन्‍हें पता ही नहीं चला. डॉ. योगी लगभग 3 घंटों तक बेहोश रहे. 

कोल्ड्रिफ कप सिरप में कुछ तो गड़बड़

डॉ. योगी से जब संपर्क नहीं हो पाया, तो उनके घरवालों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद फोन नंबर ट्रेस कर परिवार और पुलिस डॉ. योगी तक पहुंचे और उन्‍हें अस्‍पताल में भर्ती कराया गया. डॉ. योगी को जब होश आया, तो उन्‍होंने पूरी कहानी बताई. डॉ. योगी का कहना है कि इससे यह तो साबित हो गया है कि कोल्ड्रिफ कप सिरप में कुछ तो गड़बड़ है. सरकार के द्वारा जो इस कफ सिरप को लेकर कहा जा रहा है, उसमें सच्‍चाई नहीं है. हालांकि, राजस्‍थान सरकार कह रही है कि कप सिरप की जांच कराई जा रहा है. 

केंद्र सरकार कर रही जांच

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने मध्यप्रदेश और राजस्थान में कथित रूप से हानिकारक कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत होने के मद्देनजर छह राज्यों में खांसी की दवा, ‘एंटीपाइरेटिक्स' और एंटीबायोटिक समेत 19 दवाओं की विनिर्माण इकाइयों में जोखिम आधारित निरीक्षण शुरू किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि विनिर्माण इकाइयां हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में हैं, जहां विभिन्न दवाओं के 19 नमूने निर्मित किए गए. मंत्रालय ने कहा कि सीडीएससीओ ने तीन अक्टूबर को यह निरीक्षण शुरू किया, जिसका उद्देश्य उन कमियों की पहचान करना है जिनके कारण दवा की गुणवत्ता में कमी आई है तथा भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए प्रक्रिया में सुधार का सुझाव देना है.

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