करो या मरो का वक्त, कन्नड़ क्षेत्रीय दल को मजबूत करें : एचडी देवेगौड़ा

एचडी देवेगौड़ा ने कहा, ऐसे वक्त में जब देश आजादी के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहा है, फिर भी कन्नड़ भाषी लोगों को अपनी जमीन, पानी और भाषा के लिए लड़ना पड़ रहा है

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पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (सेक्यूलर) के संरक्षक एचडी देवेगौड़ा (फाइल फोटो).
बेंगलुरु:

जनता दल (सेक्यूलर) के संरक्षक एचडी देवेगौड़ा ने गुरुवार को कन्नड़ भाषी लोगों से अपनी पहचान से समझौता न करने और कन्नड़ क्षेत्रीय दल को मजबूत करने का अनुरोध किया. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे वक्त में जब देश आजादी के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहा है, फिर भी कन्नड़ भाषी लोगों को अपनी जमीन, पानी और भाषा के लिए लड़ना पड़ रहा है.

इसे कन्नड़ भाषी लोगों के लिए ‘करो या मरो' का क्षण बताते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य तथा केंद्र दोनों जगह भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार होने के बावजूद बेलगावी सीमा विवाद हल होने में देरी यह दिखाता है कि सत्तारूढ़ पार्टी इस मसले को लेकर कितनी उदासीन है.

देवेगौड़ा ने राज्य के कन्नड़ भाषी लोगों को लिखे एक खुले पत्र में कहा, ‘‘अब कन्नड़ भाषी लोगों के लिए करो या मरो की स्थिति है. अगर हमें अपने करों का अपना हिस्सा चाहिए, अगर हमारे बच्चों को नौकरी चाहिए, अगर हमें बाहरी लोगों से अपनी भाषा और संस्कृति की रक्षा करनी है, अगर सीमा विवाद हल करना है तो कन्नड़ भाषी अपनी पहचान से समझौता न करें तथा यह सच्चाई स्वीकार करें कि केवल हमारे अपने लोग ही हमारा दर्द समझ सकते हैं और कन्नड़ क्षेत्रीय दल को मजबूत करें.''

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