लोकसभा में द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के सदस्य डीएनवी सेंथिलकुमार (NV Senthilkumar) के विवादित बयान पर हुए हंगामें के बाद उन्होंने माफी मांग ली है. लोकसभा में हिंदी भाषी राज्यों पर अपनी टिप्पणी से विवाद पैदा होने के कुछ घंटों बाद, डीएमके सांसद डीएनवी सेंथिलकुमार ने माफी मांगी है और कहा है कि उन्होंने भ्रामक तरीके से एक शब्द का इस्तेमाल किया. सांसद की टिप्पणी के बाद बीजेपी ने लोकसभा में जमकर हंगामा किया था. इंडिया गठबंधन के कई घटक दलों ने भी उनके बयान को गलत बताया था.
डीएमके नेता ने ट्वीट किया कि हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों पर टिप्पणी करते हुए मैंने एक शब्द का इस्तेमाल अनुचित तरीके से किया है. इसके उपयोग के पीछे मेरी कोई भी गलत भावना नहीं थी. मैं इसके लिए माफी चाहता हूं.
सेंथिल कुमार ने क्या कहा था?
लोकसभा में ‘जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक' और ‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक' पर चर्चा में भाग लेते हुए द्रमुक के डीएनवी सेंथिलकुमार ने कहा, ‘‘इस देश की जनता को सोचना चाहिए कि भाजपा की चुनाव जीतने की शक्ति केवल हिंदी पट्टी के राज्यों में है. हाल में हुए राज्य विधानसभा चुनावों में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जहां भाजपा को जीत मिली है, वहीं तेलंगाना में कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है.
इन विधानसभा चुनाव परिणामों को कुछ वर्ग द्वारा ‘उत्तर-दक्षिण' के विभाजन के रूप में देखे जाने की पृष्ठभूमि में द्रमुक सांसद की टिप्पणी आई हैं. विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए द्रमुक नेताओं के सनातन धर्म के खिलाफ दिए गए बयानों का इस्तेमाल किया था. कांग्रेस ने इस साल की शुरुआत में कर्नाटक में भाजपा से सत्ता छीन ली थी, वहीं तमिलनाडु समेत अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में गैर-भाजपाई दल सरकार चला रहे हैं.
बीजेपी नेताओं ने जताया था विरोध
भाजपा के नेताओं ने द्रमुक पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पूछा था कि क्या वह उत्तर भारतीयों के खिलाफ अपने सहयोगी दल के अपमानजनक बयानों से सहमत हैं. तमिलनाडु में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने सेंथिलकुमार के बयान की निंदा करते हुए इसे असंवेदनशील करार दिया. उन्होंने कहा कि द्रमुक की सोच चेन्नई की तरह डूब रही है और द्रमुक का अहंकार इसका प्रमुख कारण होगा.
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