कोरोना महामारी ने पिछले साल दिवाली पर घरेलू कारोबार पर बुरा प्रभाव डाला था. छोटे कारोबारियों को काफी नुकसान झेलना पड़ा था. वहीं, कुम्हारों को दीवाली पर तगड़ा झटका लगा था. लेकिन इस साल हालात सुधरे हैं. कुम्हार वर्ग इस दीवाली आमदनी को लेकर आशान्वित है.
कुम्हारों ने बताया कि इस साल कारोबार काफ़ी बेहतर है. कारोबार बेहतर होने के साथ कुम्हारों को कर्ज की चिंता भी खाए जा रही है. पिछले साल नुकसान इतना बड़ा रहा की अच्छी आमदनी भी कर्ज से निजात नहीं दिला पाएगी.
दूसरी ओर बढ़ती महंगाई ने भी कुम्हारों को सकते में डाल दिया है. दीवाली के त्यौहार को अंधकार पर विजय का प्रतीक माना जाता है. इसलिए दीवाली पर दीपक की महत्वपर्ण भूमिका होती है. इस साल बढ़ती महंगाई का असर दीयों पर पड़ा है. इन्हें बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली मिट्टी गुजरात से आती है. कच्चा माल महंगा हुआ है. महंगाई के चलते दीयों को तैयार करने वाली लागत में बढ़ोतरी हुई है.