पेगासस विवाद पर अब गृह मंत्री अमित शाह की प्रतिक्रिया सामने आई है. अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि ''विघटनकारी और अवरोधक शक्तियां अपने षड्यंत्रों से भारत की विकास यात्रा को नहीं रोक पायेंगी. मानसून सत्र देश में विकास के नये मापदंड स्थापित करेगा.'' बता दें कि पेगासस विवाद को लेकर सोमवार से शुरू हुए संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में खूब हंगामा हुआ जिसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
यह आरोप लगाते हुए कि रिपोर्ट संसद में व्यवधान पैदा करने के लिए थी, उन्होंने एक फ्रेज भी इस्तेमाल किया जिसका उनके आलोचक अक्सर उन्हें निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं: "आप क्रोनोलॉजी समझिए''.
उन्होंने कहा, इस वाक्य को अक्सर लोग हल्के-फुल्के अंदाज में मेरे साथ जोड़ते रहे हैं, लेकिन आज मैं गंभीरता से कहना चाहता हूं- इस तथाकथित रिपोर्ट के लीक होने का समय और फिर संसद में ये व्यवधान...आप क्रोनोलोजी समझिये!
उन्होंने कहा, 'यह भारत के विकास में विघ्न डालने वालो की भारत के विकास के अवरोधकों के लिए एक रिपोर्ट है. कुछ विघटनकारी वैश्विक संगठन हैं जो भारत की प्रगति को पसंद नहीं करते हैं.'
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बता दें कि पेगासस स्पाइवेयर मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और दो मंत्रियों को भी कथित तौर पर निशाना बनाया गया है. इन मंत्रियों में अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद पटेल का नाम सामने आया है. द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक, लीक हुए डेटा में 300 भारतीय मोबाइल नंबर शामिल हैं, जिनमें 40 मोबाइल नंबर भारतीय पत्रकारों के हैं. इनके अलावा तीन बड़े विपक्षी नेता, मोदी सरकार में दो केंद्रीय मंत्री, सुरक्षा एजेंसियों के मौजूदा- पूर्व प्रमुख और अधिकारी, बिजनेमैन शामिल हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि इन नंबरों को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 2018-2019 के बीच निशाना बनाया गया था.
दूसरी ओर इस मामले में कांग्रेस ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार क़ानून और संविधान की हत्या कर रही है. मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है, राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ किया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार बेडरूम की बातें भी सुन रही है. सुरजेवाला ने कहा, 'राहुल गांधी समेत कई नेताओं और पत्रकारों की जासूसी करायी गई है. बीजेपी का नाम भारतीय जासूस पार्टी कर देना चाहिए. रिपोर्ट्स कह रही हैं कि सुरक्षा महकमों के भी प्रमुखों की जासूसी की गई है.'
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