नक्सलियों के सभी मंसूबों पर फेरा पानी... स्वतंत्रता दिवस पर DIG CISF बाबू राम को मिला वीरता सम्मान

DIG बाबू राम ने अपनी टीम के साथ नक्सलियों के खिलाफ कई सफल ऑपरेशन किए. उन्होंने ऐसा ही एक ऑपरेशन 2016 में औरंगाबाद जिला में एसपी के पद पर रहते हुए किया था.

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CISF DIG बाबू राम को भी मिला वीरता सम्मान
नई दिल्ली:

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने गैलेंट्री अवॉर्ड का ऐलान (Galentry Award) किया है. इस लिस्ट में  233 जांबाजों के नाम शामिल हैं. इसके साथ-साथ कई अन्य अवॉर्ड्स की भी घोषणा की गई है. राष्ट्रपति द्वारा जारी की कई सूची में IPS बाबू राम का भी नाम है. बाबू राम CISF में DIG के पद पर हैं और फिलहाल दिल्ली में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.  बाबू राम को नक्सलियों के खिलाफ उनके सफल ऑपरेशन के लिए इस वीरता सम्मान से सम्मानित किया गया है. 

DIG बाबू राम ने अपनी टीम के साथ नक्सलियों के खिलाफ कई सफल ऑपरेशन किए. उन्होंने ऐसा ही एक ऑपरेशन 2016 में औरंगाबाद जिला में एसपी के पद पर रहते हुए किया था. छकरबंधा के जंगलों में नक्सलियों के विरुद्ध अभियान का नेतृत्व कर रहे थे जब नक्सलियों ने  डुमरी नाला में से गुजर रही कोबरा की पिछली टीम को घात लगाकर आईईडी विस्फोट कर काफी नुकसान पहुंचाया. एसपी बाबू राम के नेतृत्व में कोबरा की जो अगली टीम थी. इस टीम ने पहाड़ी की चोटी पर घात लगाकर बैठे नक्सलियों के ऊपर जबरदस्त आक्रमण किया.  

आईईडी के विस्फोट में पहला नुकसान उठाने के बावजूद और दुश्मन के पहाड़ी की चोटी पर ऊंचाई पर होने के बावजूद sp और उनकी टीम ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए नक्सलियों की कमर तोड़ दी और वे घटनास्थल से जंगल मे पीछे की ओर भाग गए. लेकिन अपने साथियों के 3 शव और 4 बड़े हथियार एवं अन्य सामग्री फिर भी साथ नही ले जा सके. जंगल के इतने अंदर होने के कारण बाहर से कोई मदद नही पहुंच सकी, इसलिए sp ने खुद ही अपनी टीम के मनोबल को बढ़ाया कि ऐसे अवसर पर हिम्मत ही सच्चा साथी होता है.

 इसलिए टीम के सब लोगों को अपनी भूख, प्यास, थकावट और जख्मों को नजरअंदाज कर अपने घायल साथियों को जंगल से खुद ही रेस्क्यू करके बाहर ले जाना होगा.इस बात की आशंका थी कि दुश्मन ने रास्ते मे भी जाल बिछाया हो सकता है और रास्ते मे फिर से दुश्मन का हमला हो सकता है. लेकिन घायल साथियों को तुरंत उपचार की जरूरत थी, इस खतरे को उठाने के अलावा दुसरा कोई विकल्प नही था.

 इसलिए शाम होने के बावजूद अपनी टीम की मदद से घायल साथियों को कंधों पर उठाकर रात में 11 बजे तक जंगल से बाहर निकल सके. इस तरह आईईडी के विस्फोट में प्रारंभिक नुकसान उठाने के बावजूद न केवल दुश्मन के एम्बुश को तोड़ा बल्कि सफलतापूर्वक उनके तीन साथियों को मार गिराया और न केवल अपने टीम के हथियारों को दुश्मनों द्वारा लुटे जाने की योजना को विफल किया, बल्कि दुश्मन के हथियारों को कब्जे में लेने में सफल रहे. इस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में ऐसी सफलता के उदाहरण कम ही मिलते हैं. इसलिए स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर भारत सरकार ने बाबू राम DIG और उनकी टीम को वीरता पदक देने की घोषणा कर सम्मानित किया है.

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