500 रुपये भी न थे नसीब, मिल गया 50 लाख का हीरा... पन्ना में 2 गरीब लड़कों की ऐसे चमकी किस्मत

Diamond in Panna: मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के दो युवकों को एक हीरा मिला है, जिसकी कीमत करीब 50 लाख रुपये बताई जाती है. युवकों ने कहा है कि वो ये पैसा बहनों की शादी में खर्च करेंगे.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Diamond
पन्ना:

मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की जमीन को बेहद भाग्यशाली माना जाता है, हीरे जैसी बहुमूल्य धातुओं का खजाना यहां छिपा है और यहां कब किसकी किस्मत चमक जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता.ऐसा ही कुछ 20 दिन पहले कृष्णा कल्याणपुर में खदान करने वाले दो दोस्तों के साथ हुआ. 24 साल के सतीश खटीक और 23 साल के साजिद मोहम्मद की किस्मत जाग गई. उन्हें इस साल का सबसे बड़ा और चमचमाता 15.34 कैरेट का हीरा मिला है, जो जेम्स क्वालिटी यानी उच्च गुणवत्ता का है. इसकी कीमत करीब 50 लाख रुपये आंकी गई है. दोनों दोस्तो ने इसे हीरा कार्यालय में जमा किया, जहां से उन्हें इनामी राशि हासिल होगी. 

दोनों दोस्त रानीगंज में अपने  परिवारों की आर्थिक तंगी दूर करने और बहनों की शादी के लिए पैसों की जद्दोजहद में जुटे थे. दोनों ने पन्ना के हीरा कार्यालय से पट्टा बनवाया और किस्मत आजमाने लगे. साजिद जहां मीट शॉप चलाता है. दूसरा सतीश फ्रूट स्टॉल चलाता है. साजिद के दादा और पिता ने लंबे वक्त तक किस्मत आजमाई पर उन्हें कामयाबी नहीं मिली.

दोनों लड़कों ने 20 दिन में ही किस्मत पलट दी. हीरा कार्यालय में जमा इस अनमोल हीरे को नीलामी में रखा जाएगा. दोस्तों ने तय किया है कि नीलामी से मिलने वाली रकम को वे बराबर-बराबर बांटकर पहले बहनों की शादी करेंगे, फिर शेष पैसों को अपने कारोबार में लगाएंगे.

सतीश अपने पिता के साथ मीट शॉप चलाता है, जबकि साजिद अपने पिता के साथ फ्रूट की दुकान चलाता है. संयोग से दोनों दोस्तों की 2-2 बहनें भी हैं. पैसे की कमी पूरा करने के लिए दोनों ने खनन का पट्टा हासिल किया था. साजिद के पिताजी ने करीब 50 सालों की तक पन्ना की खदानों की खाक छानी, लेकिन कुछ बड़ा हाथ नहीं लगा. उनके भी पिता नफीस भी 20 सालों तक भटकते रहे, लेकिन किस्मत पोते की जगी. 

  • कोई भी पन्ना खदान क्षेत्र में खनन का पट्टा हासिल करता है. 200 रुपये का चालान भरा जाता है. 8 बाई 8 मीटर क्षेत्र का पट्टा जारी होता है. 
  • हीरा मिलने पर वो आवेदन के साथ हीरा डायमंड ऑफिस में जमा करा देता है.
  • निजी भूमि पर भी खनन के लिए उस जमीन के मालिक से भी मंजूरी लेनी होती है. 
  • ठेकेदार स्वयं या मजदूरों के जरिये हीरे की खोज के काम में जुटता है.
  • फिर मिट्टी को बाहर फेंकने के साथ पथरीली मिट्टी को पानी से धोकर अलग किया जाता है.
  • उसे छानने के बाद हीरा मिलने की संभावना रहती है, जिसे डायमंड ऑफिस में जमा कराना पड़ता है. 
  • 12 फीसदी टैक्स काटकर बाकी का पैसा हीरा खोजने वाले को दिया जाता है. 


तीन तरह के हीरे

1. पहले जेम्स कैटेगरी की हीरा सफेद होता है और एक कैरेट हीरे की कीमत 8 लाख रुपये औसतन होती है.
2. पन्ना जिले में ऐसे हीरे की नीलामी 4 लाख प्रति कैरेट तक जाती है. लेकिन ये पूरी तरह शुद्ध नहीं होता
 3. भूरे रंग का और मिट्टी के रंग का भी हीरा होता है, लेकिन उसकी कीमत कम होती है. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
UP में घुसपैठियों के खिलाफ CM Yogi सरकार ने लॉन्च की Surgical Strike योजना, हर जिले में तलाश जारी