कोविड के चलते बनारस में श्रद्धालुओं ने घर की छतों पर ही मनाई छठ

देशभर में छठ का त्योहार मनाया जा रहा है. कोरोना के समय में लोग छठ भी अलग ढंग से मनाने को मजबूर हैं. बनारस में लोगों ने अपनी छतों से ही छठ मनाई. लोग अपने घर की छतों पर खड़े होकर ही सूर्य को अर्घ्य देते नजर आए.

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लोगों ने छत पर ही पूजा की.

वाराणसी:

देशभर में छठ का त्योहार मनाया जा रहा है. कोरोना के समय में लोग छठ भी अलग ढंग से मनाने को मजबूर हैं. बनारस में लोगों ने अपनी छतों से ही छठ मनाई. लोग अपने घर की छतों पर खड़े होकर ही सूर्य को अर्घ्य देते नजर आए. सूर्य उपासना के पीछे लोगों की भावना रहती है कि सूर्य अपनी ऊर्जा से उनके जीवन को भी ऊर्जावान कर देंगे. 

लोग अपनी छतों से छठ पूजा विधि विधान से कर रहे हैं. बता दें कि छठ पूजा सामाजिक समरसता की भी पूजा है. पूजा में इस्तेमाल होने वाली हर चीज से समाज का हर तबका जुड़ा हुआ है. छठ पूजा में इस्तेमाल होने वाले फलों का भी अपना विशेष महत्व है. 

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कुछ लोग हालांकि पहले भी छत पर तालाब बनाकर छठ मनाते थे लेकिन इस बार छठ को छत पर मनाने के पीछे की वजह कोरोना भी है. लोग सीमित संख्य के साथ पूजा कर रहे हैं. व्रती माला ने बताया कि कोविड के चलते लोग अपने अपने घरों पर पूजा कर रहे हैं. लोगों ने फैसला किया कि घर की छतों पर ही भव्यता से पूजा की जाए. कोरोना को लेकर एहतियात और छठ की गरिमा दोनों का ध्यान रखा गया है. 

छत पर पूजा करना अपने आप में मिसाल है खासकर ऐसे में जब राजनीतिक दल छठ को सार्वजनिक तौर पर मनाने न मनाने को लेकर आपस में लड़ रहे हैं. 

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