'उच्च पदों पर आसीन कुछ लोग...' : PM की मौजूदगी में महाराष्ट्र के डिप्टी CM का राज्यपाल पर निशाना

अजित पवार ने पुणे में यह बयान दिया जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी विभिन्न विकास परियोजनाओं के उद्घाटन के दौरान मौजूद थे.

विज्ञापन
Read Time: 23 mins
पहले भी एमवीए सरकार और राज्यपाल कोश्यारी के बीच कई मुद्दों पर वाकयुद्ध हुआ है.
पुणे:

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शनिवार को कहा कि उच्च पदों पर आसीन कुछ लोग अनावश्यक टिप्पणियां कर रहे हैं जिन्हें राज्य के लोग स्वीकार नहीं कर सकते. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता पवार ने पुणे के एमआईटी कॉलेज परिसर में यह बयान दिया जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी विभिन्न विकास परियोजनाओं के उद्घाटन के दौरान मौजूद थे. प्रत्यक्ष रूप से उनका यह बयान राज्यपाल पर केंद्रित था. बता दें, महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी (एमवीए-जिसके घटक शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस हैं) तथा विपक्षी भाजपा ने भी हाल में की गई कोश्यारी की इस टिप्पणी पर आपत्ति जताई थी कि समर्थ रामदास छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु थे.

रविवार को मोदी के संबोधन से पूर्व पवार ने कहा कि वह प्रधानमंत्री के संज्ञान में एक बात लाना चाहते हैं कि उच्च पदों पर आसीन कुछ लोग इन दिनों अनावश्यक टिप्पणियां कर रहे हैं जिन्हें महाराष्ट्र एवं इसके लोग स्वीकार नहीं कर सकते.

महाराष्ट्र : स्पीकर के चुनाव में CM राज्यपाल को सलाह दें तो गलत क्या है? हाईकोर्ट का BJP विधायक से सवाल

Advertisement

राकांपा नेता ने कहा, ‘छत्रपति शिवाजी महाराज और उनकी माता राजमाता जिजाऊ ने स्वराज्य स्थापित किया. महात्मा ज्योतिबा फुले और क्रांतिज्योति सावित्री फुले (महाराष्ट्र के दोनों समाज सुधारकों) ने स्त्री-शिक्षा की बुनियाद डाली. हमें किसी के प्रति बिना कोई क्षोभ रखे तथा विकास कार्यों के बीच में राजनीति को लाए बगैर उनकी धरोहर को आगे ले जाने की जरूरत है.'

Advertisement

कोश्यारी ने पिछले रविवार को औरंगाबाद में एक कार्यक्रम में छत्रपति शिवाजी महाराज और चंद्रगुप्त मौर्य का उदारहण देते हुए गुरु की भूमिका पर प्रकाश डाला था.

Advertisement

उन्होंने कहा था, ‘इस भूमि पर कई चक्रवर्तियों (सम्राट), महाराजाओं ने जन्म लिया, लेकिन चाणक्य न होते तो चंद्रगुप्त के बारे में कौन पूछता? समर्थ (रामदास) न होते तो छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में कौन पूछता. मैं चंद्रगुप्त और शिवाजी महाराज की योग्यता पर सवाल नहीं उठा रहा हूं. जैसे एक मां, बच्चे का भविष्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, उसी तरह हमारे समाज में एक गुरु का भी बड़ा स्थान है.''

Advertisement

पहले भी एमवीए सरकार और कोश्यारी के बीच कई मुद्दों पर वाकयुद्ध हुआ है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
RSS Chief Mohan Bhagwat और BJP के अलग-अलग बयानों की पीछे की Politics क्या है?
Topics mentioned in this article