Coronavirus Updates : कोरोनावायरस की दूसरी लहर में भयानक मंजर देख चुके देश में अब तीसरी लहर की चिंता सता रही है. वायरस का एक नया वेरियंट पाया गया है, जिसने इस चिंता को हवा दे दी है. दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार डेल्टा वेरिएंट के बाद एक नया वेरिएंट, डेल्टा प्लस वेरिएंट पाया गया है, जो माना जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है. 23 जून, 2021 तक देश में इस नए वेरिएंट के 40 से ज्यादा मामले मिल चुके हैं. महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश को इस वेरिएंट को देखते हुए अलर्ट पर रखा गया है,
INSACOG (Indian SARS-CoV-2 Genomic Consortia) की ओर से मध्य प्रदेश के भोपाल, केरल के पलक्कड़ और महाराष्ट्र के रत्नागिरी और जलगांव की संक्रमण के मामलों के चलते पहचान की गई है और केंद्र ने इस आधार पर इन राज्यों को जिले में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाने को कहा है. विशेषज्ञों को इस बात की चिंता है कि अभी इस वेरिएंट के व्यवहार की कोई जानकारी नहीं है, ऐसे में स्थिति बहुत चिंताजनक है.
Delta Plus variant क्या है?
यह नया वेरिएंट, डेल्टा वेरिएंट यानी B.1.617.2 स्ट्रेन का नया म्यूटेंट वर्जन है. विशेषज्ञों का कहना है कि डेल्टा वेरिएंट ने ही दूसरी लहर में लाखों लोगों को संक्रमित किया था और उस लहर में हजारों लोगों की जान गई थी.
कोरोनावायरस का डेल्टा वैरिएंट पहली बार उत्तर पूर्व के 2 राज्यों में मिला : सूत्र
डेल्टा प्लस वेरिएंट के दुनिया में 205 मामले हैं, इसमें आधे से ज्यादा मामले अमेरिका और ब्रिटेन में हैं. पहली बार इस वेरिएंट की जानकारी 11 जून को लगी थी, वो भी महाराष्ट्र के पुराने 5 अप्रैल के सैंपल के जरिए डेल्टा प्लस की बात सामने आई थी. अब तक 45 हजार से ज्यादा जीनोम सीक्वेंसिंग हो चुकी है.
सरकार का इस वेरिएंट पर क्या कहना है?
सरकार की ओर से अभी तक जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक, यह वेरिएंट ज्यादा ट्रांसमिसिबल है. यह फेफड़ों की कोशिकाओं के रिसेप्टर्स को ज्यादा मजबूती से पकड़ता है. इससे मोनोक्लोनल एंटीबॉडी रिस्पॉन्स में कमी होने की आशंका है.
तो यह कितना खतरनाक है?
अभी इस बात को लेकर बहुत प्रमाण नहीं है कि यह वेरिएंट कितना संक्रामक है. यह वेरिएंट भारत के अलावा यूएस, यूके, पुर्तगाल, स्विट्ज़रलैंड, जापान, पौलेंड, रूस और चीन में मिल चुका है.
क्या इसपर वैक्सीन काम नहीं करती हैं?
अभी यह कहना जल्दबाजी होगी. सरकार का कहना है कि डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ कोविशील्ड और कोवैक्सीन प्रभावी हैं, लेकिन ये डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ कितनी प्रभावी हैं, इसपर आंकड़े बाद में साझा किए जाएंगे.