ओमिक्रॉन के मामले बढ़ने से दिल्लीवासियों का नये साल का जश्न दूसरी बार हुआ फीका

यह सर्वेक्षण 15,000 लोगों पर किया गया जिनमें से चार प्रतिशत ने कहा कि वह बाहर खाना या घूमने जाना पसंद करेंगे. रेस्तरां, खानपान और बेवरेज उद्योग से जुड़े लोगों के लिए भी हालात चिंताजनक हैं.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
कोरोना वायरस संबंधी नई पाबंदियों ने दिल्लीवासियों के उत्साह को फीका कर दिया है.
नई दिल्ली:

दिल्ली और एनसीआर वासियों के लिए यह लगातार दूसरा साल है जब वे पाबंदियों के बीच हल्के फुल्के तरीके से ही नये साल का जश्न मना सकेंगे. मुंबई, बेंगलुरू, चेन्नई और दिल्ली समेत अनेक बड़े शहरों और राज्यों में नये साल की शुरुआत से पहले अनेक कोविड संबंधी पाबंदियां लगा दी गयी हैं. गुड़गांव में रहने वाले पुनीत टंडन मार्केटिंग के पेशे में हैं. वह अपने परिवार के साथ धूमधाम से नये साल का जश्न मनाने की योजना बना रहे थे लेकिन कोरोना वायरस संबंधी नयी पाबंदियों ने उनके उत्साह को फीका कर दिया है.

टंडन ने कहा, ‘‘मैं और मेरा परिवार इस साल नये साल की पूर्व संध्या पर घूम फिरकर जश्न मनाने का सोच रहे थे. हालात सही लग रहे थे और कोरोना वायरस के मामले भी कम थे. लेकिन मुझे लगता है कि किसी की नजर लग गयी. अचानक से संक्रमण के मामले बढ़ने लगे और पार्टी करने वालों पर हर तरह की पाबंदी लगा दी गयी हैं.'' अंग्रेजी समाचार ऐप इनशॉर्ट्स के एक सर्वेक्षण के अनुसार कोविड संबंधी ताजा पाबंदियों की घोषणा के बाद करीब 63 प्रतिशत दिल्लीवासियों ने कहा है कि वे नये साल की पहली रात पर घरों पर रहेंगे, वहीं 29 प्रतिशत ने कहा कि वह कुछ लोगों के साथ मिलकर जश्न मनाना पसंद करेंगे.

यह सर्वेक्षण 15,000 लोगों पर किया गया जिनमें से चार प्रतिशत ने कहा कि वह बाहर खाना या घूमने जाना पसंद करेंगे. रेस्तरां, खानपान और बेवरेज उद्योग से जुड़े लोगों के लिए भी हालात चिंताजनक हैं. उन्हें लंबे समय से कारोबार में छाई मंदी के नये साल के मौके पर आयोजनों के दौरान छंटने की उम्मीद थी लेकिन कोरोना वायरस के नये स्वरूप ‘ओमिक्रॉन' ने उनकी योजनाओं को विफल कर दिया. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने शहर में क्रमिक कार्रवाई कार्य योजना (जीआरएपी) के तहत राजधानी में ‘येलो अलर्ट' जारी किया है जिसके कारण रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू रहेगा.

Featured Video Of The Day
Babri Masjid Controversy: Bengal Elections में Mamata Banerjee को बड़ी चोट पहुंचाएंगे Humayun Kabir?