ट्रिपल तलाक को लेकर सरकार कानून बना चुकी हैं, लेकिन आज भी महिलाएं इस दर्द से गुजर रही हैं. ताजा मामला राजधानी दिल्ली का है, जहां एक महिला को बेटा न पैदा करने की सजा दी गई. पीड़िता हुमा हाशिम को जून 2020 में सिर्फ इसलिए तीन तलाक दिया गया, क्योंकि वह बेटे को जन्म नहीं दे पाईं. ये मामला तब सुर्खियों में आया जब पीड़िता हुमा हाशिम ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. इस महिला ने बताया कि ट्रिपल तलाक देने के बाद पति ने रखरखाव के लिए गुजारा भत्ता देने से भी इंकार कर दिया. इस दंपति की दो बेटियां भी हैं, जिनकी उम्र 20 साल और 18 साल है.
महिला ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि उनका पति हमेशा से ही बेटा चाहता था, जिसके चलते कई बार उनका गर्भपात भी करवाया गया. यही नहीं पति बेटा पैदा करने को लेकर इतना गुस्से में रहता था कि वह बेटियों पर भी हाथ उठाता था. एक बार जब वह बेटी को मार रहा था तो मां ने बचाने की कोशिश की तो पति ने उन्हें भी लातें मारीं और उन पर थूका भी. इसके साथ ही तीन तलाक दे दिया.
बात सिर्फ यहीं तक नहीं थी, महिला को पति ने प्रताड़ित किया, जिसके बाद उन्होंने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने भी केस पर कोई ध्यान नहीं दिया और न ही कोई मदद की. पति ने भी गुजारा भत्ता देने से इंकार कर दिया तो महिला अब अपनी दो बेटियों के साथ कोर्ट से न्याय मांगने पहुंची हैं.
बता दें कि तीन तलाक पर कानून बन चुका है. इसके बावजूद भी ट्रिपल तलाक के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. पति अपनी पत्नी को मोटी या पतली जैसे अजीबोगरीब कारण बताकर भी तीन तलाक दे रहे हैं, लेकिन अच्छी बात ये है कि महिलाएं अब न्याय मांगने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा रही हैं.