दिल्ली में अगले दो दिनों में और बारिश की संभावनाः मौसम विभाग

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में हुई भारी बारिश के कारण दिल्ली की वायु गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ, लेकिन शुक्रवार शाम 6 बजे वायु गुणवत्ता 222 दर्ज की गई जिससे यह अभी भी 'खराब' श्रेणी में है.

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नई दिल्ली: एक नया बना पश्चिमी विक्षोभ दिल्ली के मौसम पर असर डाल सकता है, जिससे अगले दो दिनों में यहां हल्की, मध्यम से लेकर भारी बारिश हो सकती है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी. आईएमडी के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 18.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के औसत से चार डिग्री कम है, जबकि दिन के दौरान आर्द्रता 100 से 74 प्रतिशत के बीच रही.

विभाग ने बताया कि न्यूनतम तापमान मौसम के औसत तापमान से एक डिग्री सेल्सियस कम (सात डिग्री सेल्सियस) रहा. मौसम विभाग ने शनिवार को आमतौर पर आसमान में बादल छाए रहने और सुबह में घना कोहरा छाए रहने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है. विभाग ने साथ ही ताजा पश्चिमी विक्षोभ के कारण रात में बहुत हल्की बारिश और बूंदाबांदी की संभावना जतायी है.

अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 20 और 7 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है. उत्तर रेलवे ने एक बयान जारी कर बताया कि ‘‘बहुत घने'' कोहरे के कारण 23 ट्रेन देरी से चल रही हैं. विभाग के अनुसार, पालम में सुबह नौ बजे दृश्यता शून्य दर्ज की गई और यहां हवाई अड्डे के रनवे पर दृश्यता 300 से 500 मीटर के बीच थी.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में हुई भारी बारिश के कारण दिल्ली की वायु गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ, लेकिन शुक्रवार शाम 6 बजे वायु गुणवत्ता 222 दर्ज की गई जिससे यह अभी भी 'खराब' श्रेणी में है.

शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा', 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक', 101 और 200 के बीच ‘मध्यम', 201 और 300 के बीच ‘खराब', 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब' और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर' माना जाता है.

वहीं, हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में शुक्रवार को सड़क पर ओले गिरने से वाहनों की आवाजाही बाधित हुई और कार्यालय जाने वालों को आने-जाने में कठिनाई हुई.

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हिमाचल प्रदेश में चार राष्ट्रीय राजमार्गों सहित कम से कम 720 सड़कें बर्फबारी के कारण अवरुद्ध हैं, जबकि 2,243 ट्रांसफार्मर प्रभावित हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक 250 सड़कें शिमला जिले में बंद हैं, इसके बाद चंबा में 163, लाहौल और स्पीति में 139, कुल्लू में 67, मंडी में 54 और किन्नौर जिले में 46 सड़कें बंद हैं.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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