दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR Weather) के लोग लगातार दूसरे दिन उमस भरी गर्मी (Delhi Temperature) से बेहाल रहे. दिल्ली में बुधवार को इस साल का अधिकतम न्यूनतम तापमान 31.4 डिग्री दर्ज किया गया. वहीं अधिकतम तापमान भी बुधवार को कई इलाकों में 42 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर गया. भीषण गर्मी के कारण दिल्ली में इस साल बिजली की खपत का रिक़ॉर्ड (Delhi Record Electricity Consumption) भी टूट गया. बिजली वितरण कंपनियों का कहना है कि कोविड लॉकडाउन में ढील और भारी गर्मी के कारण राजधानी में बिजली की खपत 6185 मेगावॉट तक पहुंच गई है.अगले 1-2 दिन दिल्ली, नोएडा-गाजियाबाद (Noida-Ghaziabad) समेत ज्यादातर उत्तर भारत के इलाकों में गर्मी से राहत मिलने वाली नहीं है.
मौसम विभाग पहले ही आगाह कर चुका है कि आने वाले कुछ दिनों तक मौसम ऐसे ही शुष्क बना रहेगा. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पहले ही अनुमान लगाया था कि बुधवार को अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के पार जा सकता है. हालांकि खुशी की बात है कि वीकेंड में हल्की बारिश से लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है. वहीं, राजस्थान से धूल भरी हवाओं के कारण राजधानी में वायु गुणवत्ता (Air Quality) ‘खराब' श्रेणी में पहुंच गई है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, 9.30 बजे एक्यूआई 287 था. 201 और 300 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक को 'खराब'माना जाता है. आईएमडी के क्षेत्रीय निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि राजस्थान की ओर से धूल भरी हवाएं आ रही हैं, जो शुक्रवार तक जारी रहेंगी. बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम दबाव से एक-दो दिन में दिल्ली में बारिश हो सकती है.इससे गर्मी और प्रदूषण दोनों से राहत मिलने की संभावना है. मंगलवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 41.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से एक डिग्री अधिक था.
वहीं महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई (Mumbai Monsoon) में मानसून ने 09 जून को दस्तक दी. मुंबई और उसके आसपास पहले ही दिन भारी बारिश से कई इलाकों में पानी भर गया. इससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ और सड़क याातायात के साथ ही लोकल ट्रेन सेवाएं भी बाधित हुईं. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मुंबई और पड़ोसी ठाणे, पालघर तथा रायगढ़ जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी कर कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है. भारी बारिश के कारण ट्रैफिक पुलिस को चार सबवे बंद करने पड़े. भारी जलभरावमें कई लोगों को अपने वाहन सड़कों पर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. लोकल ट्रेन पर भी असर पड़ा.