रात के कोई 10 बज रहे होंगे...कमरे का एयर कंडीशनर अभी ठंडी हवा देना शुरू ही कर रहा था कि बिजली गुल हो गई. पहले तो लगा कि कोई टेक्निकल फॉल्ट होगा और कुछ ही देर में बिजली आ जाएगी. इसी उम्मीद के साथ अलसाए हुए बिस्तर पर पड़े बिजली के आने का इंतजार करने लगे.... धीरे-धीरे करके कमरे के बाहर की तपिश अब कमरे के अंदर भी अपना असर दिखाना शुरू करने लगी थी. मानों जैसे हम किसी तंदूर के पास बैठे हों. बिजली आने के इंतजार में रात के अब 11 बज चुके थे. पूरा बदन पसीने से तरबतर था.
ये सोच ही रहे थे कि करीब सवा घंटे के बाद बिजली आई... हमने राहत की सांस ली और सोचा कि सुबह दफ्तर पहुंचने से पहले अब कम से कम चार से पांच घंटे की नींद तो ली ही जा सकती है. यह सोचकर अभी नींद के आगोश में जा ही रहे थे कि एक बार फिर बिजली चली गई. मन में अजीब से खींच लिए इस बार बेड से उतरा और सीधे बालकनी में टहलने लगा. इसी उम्मीद में की शायद इस बार पहली बार के उलट कुछ मिनट में ही लाइट आ जाए. लेकिन इसी इंतजार में रात के 11.30 बजे से अब 12.30 बजने को थे.
पूरी रात जागे रहने का सताने लगा था डर
जब तक मैं ये समझ पाता कि बिजली आने में अभी और घंटे भर का इंतजार करना होगा. इतनी ही देर में कमरा बुरी तरह से गरम हो गया चुका था. बाहर और अंदर के तापमान का फर्क अब लगभग खत्म हो चुका था. बाहर ऐसा लग रहा था जैसे कोई सूरज रात में छिपकर अपनी तपिश फैला रहा है. जैसे तैसे करके देर रात के 1.45 मिनट पर बिजली आई. इस बार बिजली आने की खुशी से ज्यादा इस बात का डर ज्यादा था कि अगर एक बार फिर बिजली गई तो अब पूरी रात जागकर ही बिताना होगा. ऐसा इसलिए भी क्योंकि रोजाना दफ्तर छह बजे पहुंचने के लिए सुबह चार बजे के करीब जागने की आदत जो है.
दिल्ली-NCR बढ़ी बिजली की मांग ने बढ़ाई टेंशन
आपको बता दें कि दिल्ली में बुधवार को पहली बार बिजली की मांग 8000 MW हुई. बुधवार दोपहर 3:42 बजे पीक पावर डिमांड 8,000 MW थी. ये अब तक का हाइएस्ट पॉइंट है. रिकॉर्ड लेवल पर पावर डिमांड होने से बिजली कटौती का संकट बढ़ गया है. वहीं, बीते मंगलवार दोपहर 3.33 बजे पीक पावर डिमांड 7717 मेगावाट तक पहुंच गई थी.
पिछले साल मई के पहले 20 दिनों में, दिल्ली की अधिकतम बिजली की मांग 5781 मेगावाट थी. मई 2023 में उच्चतम बिजली की मांग 23 मई को 6916 मेगावाट दर्ज की गई थी. दक्षिणी और पश्चिमी दिल्ली के BRPL इलाके में अधिकतम बिजली की मांग 2023 में 3250 मेगावाट और 2022 की गर्मियों के दौरान 3389 मेगावाट थी.