जहरीली हवा, कोहरा, ठंड... आखिर दिल्ली में एक ही दिन में मौसम ने क्यों मार ली पलटी?

देखिए अब नवंबर का दूसरा सप्ताह चल रहा है, लेकिन अभी तक दिल्ली में ठंड ने पूरी तरह दस्तक नहीं दी थी. दिन और रात के समय में अभी भी गर्मी जैसे हालात बने हुए थे,लोगों के घरों में पंखे चल रहे थे, लेकिन बुधवार के दिन से दिल्ली में अचानक ठंड बढ़ने लगी.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
दिल्ली में मौसम ने ली करवट
नई दिल्ली:

473, 471, 424, 456... यह आज सुबह-सुबह दिल्ली में अलग-अलग जगहों का AQI है. इंसानी शरीर के लिए जो AQI 0-50 के बीच रहना चाहिए, वह राजधानी में किस जानलेवा स्तर तक पहुंच चुका है, यह आप समझ सकते हैं. दिल्ली का मौसम अजब हो चुका है. हवा जहरीली थी ही, कोहरे ने भी दस्तक दे दी है. अब फ्लाइट्स भी थमने लगी हैं. ठंड भी महसूस होने लगी है. दिल्ली-NCR में मौसम ने यह पलटी अचानक बुधवार को मारी. आखिर ऐसा हुआ क्यों? मौसम विभाग इसकी लिए हवा की चालबाजी को वजह बता रहे हैं. IMD  के मुताबिक उत्तर और पश्चिम से आने वाली हवाओं ने दिल्ली की फिजा अचानक बदली है. बकौल मौसम विभाग पिछले दो दिन में हवाओं ने अचानक ही अपना रास्ता बदला है. यही वजह रही कि बुधवार को अचानक ठंड बढ़ गई.

दिल्ली तक कैसे पहुंचा कोहरा

मौसम विभाग के मुताबिक पिछले काफी दिनों से पाकिस्तान के पंजाब में घना कोहरा छाया हुआ था. भारत में अमृतसर और उसके आसपास भी कोहरे की घनी चादर छाई हुई थी. धीरे-धीरे यह कोहरा फैलना शुरू हुआ और हवाओं के साथ इसने दिल्ली का रुख कर लिया. 11 नवंबर को यह हरियाणा पहुंचा और बुधवार 13 नवंबर को दिल्ली और यूपी में भी दस्तक दे दी.

...और अचानक क्यों गिर गया AQI

एक्सपर्ट्स के मुताबिक दिल्ली में पलूशन बढ़ने के लिए भी यह मौसमी बदलाव ही जिम्मेदार है. घने कोहरे, हवा थमने  और तापमान गिरने से हवा में मौजूद प्रदूषण के कण एक तरह से जाम हो गए. यही वजह रही कि दिल्ली में बुधवार को अचानक AQI गिरकर 400 के पार चला गया. गुरुवार को भी यही हालत है. हालांकि उम्मीद है कि इस हफ्ते के आखिर में हवा चलेगी और हवा की सेहत कुछ सुधरेगी.

Advertisement

हल्के और घने कोहरे की परिभाषा

  • विजिबिलिटी 500 से 1000 मीटर की कैटिगरी में है तो हल्का कोहरा होता है. 
  • 200 मीटर विजिबिलिटी होने पर कोहरा घना होता है.
  • 50 मीटर विजिबिलिटी होने पर कोहरा बहुत घना होता है.

दिल्ली में अचानक कैसे बढ़ी ठंड

भारत में इस साल अक्टूबर का महीना साल 1901 के बाद से सबसे अधिक गर्म रहा है और औसत तापमान सामान्य से 1.23 डिग्री सेल्सियस अधिक रिकार्ड किया गया. इस बार का नवंबर महीना भी काफी गर्म रहा. आमतौर पर नवंबर में ऐसा मौसम नहीं देखने को मिलता, जैसे कि अभी तक बीते हुए दो हफ्तों में देखने को मिला. नवंबर का दूसरा सप्ताह चल रहा है. लेकिन, अभी तक दिल्ली में ठंड ने पूरी तरह दस्तक नहीं दी थी. दिन और रात के समय में अभी भी गर्मी जैसे हालात बने हुए थे. लेकिन बुधवार के दिन से दिल्ली में अचानक ठंड बढ़ने लगी. आईएमडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पश्चिम और उत्तर-पश्चिम से आने वाली हवाएं ठंडी होती हैं जो कि तापमान को नीचे लाने में मददगार साबित होती है. इस साल, ये हवाएं ज्यादा असर नहीं डाल सकी. पिछले दो दिनों में ही इनकी दिशा बदली है, नतीजतन, हमने बुधवार को तापमान में गिरावट देखी.

Advertisement
दिल्ली में बुधवार को सीजन की पहली कोहरे की घनी चादर दिखाई दी इसने दिल्लीवालों को हैरान कर दिया. धुंध के साथ ठंड भी बढ़ गई थी बुधवार को कोहरे का असर कुछ ऐसा था कि कई फ्लाइट्स डायवर्ट हुईं साथ ही दिल्ली की हवा ने भी सबसे बुरा दिन देखा और AQI 480 पहुंच गया.

गैस चैंबर बनी दिल्ली में सांस लेना खतरनाक

दिल्ली की जहरीली होती हवा में सांस लेना अब सेहत के लिए खतरनाक हो गया है. बढ़ते प्रदूषण की वजह से दिल्ली गैस चेंबर में तब्दील हो चुकी है. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड यानी CPCB के मुताबिक, सुबह दिल्ली का औसत एक्यूआई 434 दर्ज किया गया. दिल्ली के नजफगढ़ में एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी AQI 479 हो गया है. यानी अब दिल्ली की हवा 'बेहद गंभीर कैटेगरी' में पहुंच गई है. CPCB के आंकड़ों के मुताबिक, नजफगढ़ की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है. आनंद विहार में AQI 473 तक पहुंच गया है. दिल्ली में और भी जगहों पर एक्यूआई 400 पार पहुंच चुका है.

Advertisement

AQI 0 से 50 को ‘अच्छा', 51-100 को ‘संतोषजनक', 101-200 को ‘मध्यम', 201-300 को ‘खराब', 301-400 को ‘बहुत खराब' तथा 401-500 को ‘गंभीर' माना जाता है.

Advertisement

दिल्ली में बुधवार को इस मौसम में पहली बार घना कोहरा छाया और दिल्ली हवाई अड्डे पर विजिबिलिटी 0 हो गई. नजीतन कई ड़ानों को डायवर्ट किया गया. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि सुबह साढ़े आठ बजे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दृश्यता शून्य मीटर दर्ज की गई, जबकि विभिन्न स्थानों पर ‘रनवे विजुअल रेंज' 125 से 500 मीटर के बीच रही. आईएमडी ने बताया कि सुबह करीब साढ़े पांच बजे ‘बहुत घना' कोहरा छाना शुरू हुआ, जिससे राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न हिस्सों में धुंध छा गई.

पराली जलाने का दिल्ली की हवा पर कितना असर

अक्टूबर और नवंबर में धान की कटाई के बाद पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं को अक्सर दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है. चूंकि धान की कटाई के बाद रबी की फसलों, विशेषकर गेहूं की बुवाई के लिए बहुत कम समय होता है, इसलिए कुछ किसान अगली फसल की बुवाई के लिए फसल अवशेषों को जल्दी से जल्दी साफ करने के लिए अपने खेतों में आग लगा देते हैं. पराली जलाने को लेकर पिछले दिनों पंजाब और हरियाणा के कुछ किसानों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है.

73 सालों में सबसे गर्म रहा अक्टूबर

दिल्ली में नवंबर महीने के पहले 12 दिनों में साल 2015 के बाद से सबसे अधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया. आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, इस साल 1 से 12 नवंबर के बीच अधिकतम औसत तापमान 32.6 डिग्री सेल्सियस रहा. पिछले दशक में केवल दो वर्षों में ही औसत अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस को छू पाया था और ये साल ये साल थे 2022 और 2016. आईएमडी के जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि अक्टूबर 73 सालों में अबकी बार सबसे गर्म महीना रहा.

14 नवंबर को एक पश्चिमी विक्षोभ के चलते पहाड़ों पर हल्की बारिश और बर्फबारी के आसार हैं, जिसके चलते मैदानी इलाकों में भी तापमान में 1-2 डिग्री सेल्सियस की कमी आ सकती है, जिसके बाद सुबह और शाम में हल्की गुलाबी ठंड का एहसास होना शुरू हो सकता है.

मौसम के मिजाज में क्यों आ रही तब्दीली

मौसम में ज्यादा बदलाव की एक वजह यह भी है कि पिछले 10 से 15 दिनों के बीच कोई खास पश्चिमी विक्षोभ नहीं आया है. पश्चिमी विक्षोभ आने से बादल आते हैं और बारिश होती है, जिसके चलते तापमान बढ़ता है और फिर बाद में तापमान गिर जाता है. ऐसी स्थिति ना होने के कारण न्यूनतम तापमान में पिछले कई दिनों से खास बदलाव नहीं आया है और जिस वजह से मौसम का ये मिजाज रहा. पंजाब और हरियाणा में छह-सात डिग्री सेल्सियस अधिक है, इसके अलावा दिल्ली और उससे सटे क्षेत्रों में चार से पांच और राजस्थान, यूपी और एमपी में दो से चार डिग्री सेल्सियस अधिक है. इस स्थिति में अब बदलाव दिखने लगा है.

Featured Video Of The Day
Child Marriage Free India: बाल विवाह को को लेकर बातचीत और बहस जरूरी: Gul Panag