दिल्ली के सराय काले खां चौक का बदला नाम, अब बिरसा मुंडा चौक के नाम से जाना जाएगा

केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा इस चौक के नाम बदलने का ऐलान भगवान बिरसा मुंडा की 150वी जयंती पर किया गया. 

विज्ञापन
Read Time: 2 mins

दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम बदलकर बिरसा मुंडा चौक कर दिया गया है. इसकी जानकारी गृह मंत्री अमित शाह ने दी. अब इस चौक को लोग भगवान बिरसा मुंडा चौक के नाम से जानेंगे. केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा इस चौक के नाम बदलने का ऐलान भगवान बिरसा मुंडा की 150वी जयंती पर किया गया. 

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ऐलान करते हुए कहा, "मैं आज घोषणा कर रहा हूं कि आईएसबीटी बस स्टैंड के बाहर बड़े चौक को अब भगवान बिरसा मुंडा के नाम से जाना जाएगा. इस प्रतिमा और चौक का नाम देखकर न केवल दिल्ली के नागरिक बल्कि बस स्टैंड पर आने वाले लोग भी उनके जीवन से प्रेरणा ले पाएंगे."

Advertisement

कौन हैं भगवान बिरसा मुंडा

दरअसल, बिहार-झारखंड में भगवान की तरह पूजे जाने वाले धरती आबा बिरसा मुंडा की आज 150वीं जयंती है. इस दिन को जनजातिय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत पीएम मोदी द्वारा की गई थी. इतना ही नहीं इस खास मौके पर पीएम मोदी भी बिहार के जमुई पहुंचे और देश को 6 हजार करोड़ की परियोजनाओं की सौगात भी दी. 

Advertisement

अंग्रेजो के खिलाफ छेड़ी थी जंग

भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को रांची के उलीहातू गांव में एक आदिवासी परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम सुगना मुंडा था और उनकी मां का नाम करमी मुंडा था. उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा मिशनरी स्कूल से की थी. पढ़ाई के वक्त उन्होंने देखा कि अंग्रेजों द्वारा भारतीयों पर जुल्म किया जा रहा है. इस जुल्म के खिलाफ उन्होंने बिगुल फूंक दिया. 1895 में भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ लगान माफी आंदोलन की शुरुआत की थी. इसके बाद उन्हें गिरफ्ताऱ भी कर लिया गया था. 1900 तक भगवान बिरसा मुंडा और अंग्रेजों के बीच युद्ध होते रहे थे. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Russia-North Korea Defense Deal: जंग के लिए रूस को मिला उत्तर कोरिया का साथ, दुनिया क्यों परिशान?
Topics mentioned in this article