दिल्ली दंगा मामला में दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा को बड़ा झटका है. अदालत ने दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया. दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को दिल्ली के कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा और अन्य के खिलाफ 2020 के दिल्ली दंगों में उनकी कथित भूमिका की जांच के लिए एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया.
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने इसे प्रथम दृष्टया माना कि इसकी जांच की आवश्यकता है. जजश ने कहा, "यह स्पष्ट है कि मिश्रा कथित अपराध के समय इलाके में थे... आगे की जांच की आवश्यकता है." जज यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास द्वारा दायर एक याचिका पर दलीलें सुन रहे थे, जिसमें एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी, जिसका दिल्ली पुलिस ने विरोध किया और दावा किया कि दंगों में मिश्रा की कोई भूमिका नहीं थी.
इसस पहले मार्च में दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी के कानून मंत्री कपिल मिश्रा के खिलाफ 2020 में कथित तौर पर आपत्तिजनक बयान देने और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में अधीनस्थ अदालत की सुनवाई पर रोक लगाने से मंगलवार को इनकार कर दिया था. न्यायमूर्ति रविंद्र डुडेजा ने सत्र अदालत के उस आदेश को चुनौती देने वाली भाजपा नेता की याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस भी जारी किया, जिसमें इस मामले में मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा उन्हें जारी किए गए समन के खिलाफ उनकी याचिका को खारिज कर दिया था.
न्यायाधीश ने कहा, ‘अधीनस्थ अदालत की सुनवाई पर रोक लगाने की कोई जरूरत नहीं है. इस अदालत को सुनवाई पर रोक लगाना जरूरी नहीं लगता. अधीनस्थ अदालत मामले में आगे बढ़ने के लिए स्वतंत्र है.' हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 मई की तारीख निर्धारित की. मामला 20 मार्च को अधीनस्थ अदालत के समक्ष सूचीबद्ध है.