- लाल किले के सामने जिस आई-20 कार में जोरदार धमाका हुआ था, वह 7 बार खरीदी बेची जा चुकी थी
- हरियाणा के फरीदाबाद से लाल किले तक आने के रास्ते में ड्राइवर एक बार भी कार से नहीं उतरा था
- 29 अक्टूबर के दिन कार का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाया गया था, तब कार में 3 लोग नजर आए थे
दिल्ली में लाल किले पर भीषण ब्लास्ट की सबसे बड़ी पहेली वो i20 कार है, जिसका इस्तेमाल धमाके में किया गया. कहा जा रहा है कि इस कार को 7 बार खरीदा गया और 7 बार बेचा गया, लेकिन असल में वो कार किसकी थी. फरीदाबाद से यह कार लाल किले तक कैसे पहुंची. उसे चला कौन रहा था. ब्लास्ट से पहले क्या सोची समझी साजिश के तहत उसे तीन घंटे तक पार्किंग में खड़ा किया गया था. NDTV ने ब्लास्ट वाली इस कार की पूरी कुंडली खंगाली है.
चलती कार में हुआ था धमाका
HR26CE7674 नंबर की इस आई-20 कार की पूरी कहानी जानने के लिए मोटे तौर पर कुछ बातें याद रखें. अधिकारियों का कहना है कि सोमवार शाम लाल किले के गेट के सामने इसी कार में विस्फोट हुआ था. शाम के 6 बजकर 52 मिनट पर जिस वक्त धमाका हुआ, उस वक्त कार मूविंग थी यानी कि चलती कार में ब्लास्ट हुआ था. पुलिस ने आई-20 कार का रूट चेक किया तो पता चला कि ब्लास्ट के पहले 3 घंटे तक यह कार गाड़ी लाल किले की पार्किंग में खड़ी थी. पुलिस ने कार के CCTV फुटेज की करीब 22 किलोमीटर तक जांच की, जिसमें कई अहम बातें सामने आईं.
कौन है सोनू, जिसने 4 दिन पहले खरीदी कार?
इस कार को लेकर दिल्ली पुलिस फिलहाल सलमान से भी पूछताछ कर रही है, जो इस कार का पहला ओनर माना जा रहा है. उसके अलावा आमिर और तारिक से भी पूछताछ जारी है, जिनका पुलवामा में इस कार से कनेक्शन सामने आया है. कार के मालिक की तलाश करते-करते पुलिस के सामने एक और नाम आया- सोनू. हरियाणा के सेक्टर 38 से जिस रोयल कार जोन से कार खरीदी गई थी, सोनू नाम का शख्स है. कार चार दिन पहले बिकी थी. सोनू को हिरासत में ले लिया गया है.
29 अक्टूबर को कार के साथ दिखे 3 लोग
इस बीच 29 अक्टूबर की एक और तस्वीर सामने आई है. उस दिन इस इस कार का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाया गया था. सीसीटीवी में दिखा कि उस समय कार में तीन लोग मौजूद थे. ये वीडियो 29 अक्टूबर शाम 4 बजकर 20 मिनट का है. शक है कि इस वीडियो में लंबी दाढ़ी वाला जो शख्स है, वही तारिक है.
क्या गलती से हुआ धमाका, पुलिस कर रही जांच
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यह धमाका संभवतः जानबूझकर नहीं किया गया था और जल्दबाजी में गलती से हो गया था. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि फरीदाबाद में विस्फोटक बरामदगी के बाद शायद उमर डर गया था और जल्दबाजी में विस्फोटक को इकट्ठा करके कहीं और शिफ्ट करने के लिए ले जा रही था, उसी दौरान लाल किले के पास धमाका हो गया. हालांकि पुलिस फिदायीन हमले समेत सभी एंगल से जांच कर रही है.













