- एनआईए ने दिल्ली लाल किला ब्लास्ट मामले में आरोपी आमिर राशिद अली को गिरफ्तार कर जांच शुरू की है
- आमिर राशिद ने कथित आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी के साथ मिलकर ब्लास्ट की साजिश रची थी
- आमिर राशिद की भाभी ने मीडिया से बात करते हुए उनके कृत्य को बर्दाश्त न करने की बात कही
दिल्ली लाल किला ब्लास्ट के आत्मघाती हमलावर उमर का साथ देने वाले आमिर राशिद अली के परिवार को यकीन ही नहीं हो रहा कि वह ऐसा कर सकता है. आमिर की भाभी का कहना है कि उसने जो किया, वो बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. इतना कहकर वो फूट-फूट कर रो पड़ीं. लाल किला ब्लास्ट की जांच कर रही एनआईए ने आमिर को गिरफ्तार कर लिया है. जांच में सामने आया है कि प्लंबर को काम करने वाले आमिर ने मिलकर लाल किले के सामने ब्लास्ट करने की प्लानिंग की थी. हमले में इस्तेमाल i20 कार भी आमिर के नाम पर रजिस्टर्ड है.
आत्मघाती हमलावर के कश्मीरी दोस्त आमिर राशिद की भाभी मीडिया से बात करते हुए रो पड़ीं. उन्होंने कहा कि आमिर ने जो किया वह गलत है, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था. अगर मुझे कभी उनसे मिलने का मौका मिला, तो मैं उन्हें जोर से थप्पड़ मारूंगी... उनसे पूछूंगी, आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया. उनकी इस हरकत से हमारे परिवार के सभी सदस्यों की जिंदगी उलट-पुलट हो गई है.
आमिर राशिद की भाभी ने भावुक होते हुए कहा कि उनके इलेक्ट्रीशियन पति को भी एनआईए पूछताछ के लिए ले गई. घर में अब कोई पुरुष नहीं है. आमिर के पिता की कुछ सालों पहले ही मौत हो गई थी. इतना कहकर वह फूट-फूट कर रो पड़ीं.
परिवार ने बताया कि आमिर राशिद प्लंबर का काम करता है और उसके भाई को भी गिरफ्तार किया गया है. जिसका नाम उमर है. उमर इलेक्ट्रीशियन का काम करता है. परिवार का कहना है कि आमिर राशिद अली कभी दिल्ली गया ही नहीं. सिर्फ कार इनकी है और उसका भी रजिस्ट्रेशन जम्मू-कश्मीर का है. एनआइए को जांच में पता चला है कि इस पूरी साजिश को आमिर राशिद अली ने कथित आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी के साथ मिलकर अंजाम दिया. उमर उन नबी, पुलवामा का निवासी था और हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में जनरल मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर था.
एनआईए इस जांच में दिल्ली पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, हरियाणा पुलिस, यूपी पुलिस और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है. जांच टीम अब बड़े नेटवर्क को पकड़ने, फंडिंग के सोर्स का पता लगाने और मास्टरमाइंड्स की पहचान करने पर फोकस कर रही है. एजेंसी अब तक 73 गवाहों और घायलों के बयान दर्ज कर चुकी है. कई तकनीकी और डिजिटल सबूत भी मिले हैं, जिनका विश्लेषण किया जा रहा है.
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