दिल्ली पुलिस ने जेल के अंदर मोबाइल पहुंचाकर मोस्टवांटेड काला जठेड़ी को ऐसे जाल में फंसाया

स्पेशल सेल ने अपने मुखबिरों के जरिये जेल में एक मोबाइल पहुंचाया. ये एक ऑपरेशन का हिस्सा था काला जठेड़ी  की गिरफ्तारी के लिए. लारेंस विश्नोई के पास जैसे ही जेल में मोबाइल फोन पहुंचा तो उसने जेल के बाहर अपने गैंग के सदस्यों को फोन करना शुरू कर दिया. 

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Delhi Police ने फरीदाबाद पुलिस की कस्टडी से भाग गया था
नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस(Delhi Police)  ने लंबे समय से चकमा दे रहे मोस्टवांटेड अपराधी काला जठेड़ी (Most Wanted Kala Jathedi) को दबोचने के लिए ऐसा जाल बिछाया कि वो फंदे में फंसने से बच नहीं सका. दुर्दांत जठेड़ी को दबोचने की कहानी अब बाहर आ रही है. पुलिस ने जेल में बंद उसके गुर्गों को ही हथियार बनाया. दरअसल, 600 शार्प शूटर्स की फ़ौज वाला गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई (Larence Vishnoi) जो फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है. विश्नोई को मकोका में जब गिरफ्तार कर स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस यूनिट ने अपनी रिमांड पर लिया था.

लारेंस विश्नोई से काला जठेड़ी को लेकर सख्ती से पूछताछ की पर विश्नोई ने अपना मुंह नही खोला. तब स्पेशल सेल ने एक ट्रिक अपनाई और विश्नोई की 20 दिन की कस्टडी खत्म होते ही वो जब वापस तिहाड़ जेल में शिफ्ट हुआ तो स्पेशल सेल ने अपने मुखबिरों के जरिये जेल में एक मोबाइल पहुंचाया. ये एक ऑपरेशन का हिस्सा था काला जठेड़ी  की गिरफ्तारी के लिए. लारेंस विश्नोई के पास जैसे ही जेल में मोबाइल फोन पहुंचा तो उसने जेल के बाहर अपने गैंग के सदस्यों को फोन करना शुरू कर दिया. 

तभी विश्नोई ने काला गैंग के बेहद करीबियों के जरिये उससे भी जेल के अंदर से ही बात की. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल चाहती भी यही थी विश्नोई वही गलती कर गया. इसके बाद स्पेशल सेल ने एक महीने तक विश्नोई के फोन कॉल्स पर नजर रखना शुरू कर दिया.और फिर वो वक्त भी आया जब तीन बार काला स्पेशल सेल के कब्जे में आते आते रडार से बाहर हो गया.स्पेशल सेल लगातार विश्नोई के मोबाइल फोन पर नजर बनाई थी तभी जैसे ही उसने फिर काला जठेड़ी से जेल के अंदर से बात की. तभी सहारनपुर के अमानत ढाबे पर काला जठेड़ी और रिवाल्वर रानी उर्फ लेडी डॉन अनुराधा को गिरफ्तार कर लिया गया.

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स्पेशल सेल के मुताबिक साल 2020 फरवरी में फरीदाबाद पुलिस की कस्टडी से फरार होने के बाद  काला जठेड़ी यूपी के मथुरा,राजस्थान, पंजाब,मुंबई और फिर राजस्थान और पंजाब- मध्यप्रदेश, बिहार व नेपाल में छुपता रहा.फरारी के दौरान आनंदपाल के गैंग मेंबर और विश्नोई के गुर्गे काला को फाइनेंशियल मदद और रुकने में मदद करवाते रहे.

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काला इतना शातिर था कि वो लगातार ठिकाने तो बदल ही रहा था, साथ ही मोबाइल फोन फेसबुक का भी इस्तेमाल कर रहा था. जनवरी महीने में ही काला और लेडी डॉन ने फेसबुक ज जरिये जो धमकी दी उसकी तस्वीरों को देखिए. सागर पहलवान हत्याकांड से नाराज होकर काला के निशाने पर सुशील कुमार और नीरज बबनिया के गैंग्स मेंबर थे.तभी डरकर सागर हत्याकांड के बाद सुशील कुमार पहलवान ने तीन बार बाकायदा काला को फोन किया औऱ माफी भी मांगी और समझौते की बात भी कही थी.

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