"आपकी तस्वीरें नासा के सेटेलाइट कैमरे में कैद हो गईं हैं, हमें वह सब पता है जो आपने किया है." दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने हत्या (Murder) के दो संदिग्धों से इतना बोला तो उन्हें लगा कि पुलिस सही बोल रही है और उन्हें पूरा सच पता चल गया है. इसके बाद दोनों संदिग्धों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया और हत्या का पूरा सच बता दिया. बाहरी दिल्ली के डीसीपी परमिंदर सिंह के मुताबिक 5 अप्रैल को मंगोलपुरी इलाके में सूचना मिली थी कि वहां पार्क में एक शख्स का शव पड़ा हुआ है. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पाया कि पार्क में पड़ा शख्स लहूलुहान है और उसके चेहरे पर चोट के कई निशान हैं. लेकिन पुलिस को हत्या के इस मामले में कोई चश्मदीद नहीं मिला.
इसके बाद पुलिस ने मंगोलपुरी थाने में हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू की तो पता चला मृतक 35 साल का चंद्रभान था जो मंगोलपुरी इलाके का ही रहने वाला था. पुलिस को जांच में पता चला कि चंद्रभान को आखिरी बार प्रदीप और राजू नाम के दो लोगों के साथ देखा गया था. पुलिस ने दोनों को पूछताछ के लिए बुलाया लेकिन दोनों ने बताया कि उन्हें इस केस को लेकर कोई जानकारी नहीं है. किसी तरह के सबूत और चश्मदीद न होने के चलते पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया. लेकिन पुलिस को कुछ सीसीटीवी फुटेज मिले जिसमें वारदात के पहले मृतक चंद्रभान दो लोगों के साथ नज़र आ रहा था, हालांकि उनके चेहरे साफ नहीं दिख रहे थे. इसके बाद पुलिस ने प्रदीप और राजू को दुबारा पूछताछ के लिए बुलाया. इस बार पुलिस ने उन्हें डर दिखाते हुए झूठ बोला कि जहां वह घूम रहे थे और जहां वारदात हुई उस पूरे इलाके में नासा के सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और उनकी पूरी हरकत इन कैमरों में कैद हो गई है.
आरोपियों को लगा कि पुलिस को सब पता चल गया है. इसके बाद उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया और सब कुछ तोते की तरह बता दिया. आरोपियों ने बताया चंद्रभान अक्सर सबके सामने छोटी छोटी बातों को लेकर उनकी बेइज़्जती करता था इसलिए उन्होंने उसकी हत्या कर दी. 5 अप्रैल को पहले तीनों ने एक साथ शराब पी फिर चंद्रभान के चेहरे पर पत्थर से वार करके उसकी हत्या कर दी.